मकर संक्रांति स्नान पर्व के अवसर पर देश के कोने-कोने से आये लगभग 7 लाख 11 हजार श्रद्धालुओं द्वारा आरती के समय तक हर की पैड़ी सहित कुम्भ क्षेत्र के अन्य समस्त घाटों पर पवित्र डुबकी लगाकर पुण्यलाभ अर्जित किया गया।
कुम्भ मेला पुलिस बुधवार की शाम से ही अपनी ड्यूटी पर तैनात हो गई थी। रात्रि 12.00 बजे के बाद से ही हर की पैड़ी एवं अन्य घाटों पर स्नानार्थियों का आवागमन शुरू हो गया। प्रातः काल में सूर्योदय के साथ जैसे-जैसे मौसम में साफ खिली धूप के कारण गर्माहट बढ़ती गई वैसे-वैसे ही मेला क्षेत्र के होटल, धर्मशालाओं, लॉज, आश्रमों में ठहरे हुए श्रद्धालु गंगा स्नान के लिए घाटों पर पहुंचने लगे। देर रात से ही हरिद्वार सीमा में भी वाहनों के आने की दर में लगातार वृद्धि होने लगी और चमगादड़ टापू निर्मित निशुल्क वाहन पार्किंग भी वाहनों से भरने लगी। यातायात एवं पार्किंग ड्यूटी पर तैनात पुलिस बल द्वारा यातायात योजना और उच्चाधिकारीगण के निर्देशों के अनुसार ही वाहनों को निर्धारित चमगादड़ टापू पार्किंग तक पहुंचाया गया। चमगादड़ टापू की निशुल्क पार्किंग सुविधा से श्रद्धालु काफी प्रसन्न नजर आए।
घाटों, गलियों तथा पैदल मार्ग पर लगे पुलिस बल द्वारा पैदल यातायात व्यवस्था का पालन सुनिश्चित कराते हुए स्नानार्थियों को स्नान घाटों तक पहुंचने में सहायता की गई। घाटों पर तैनात पुलिस बल द्वारा “3 डुबकी- 1 स्नान” सूत्र वाक्य को ध्यान में रखते हुए घाटों को लगातार खाली कराया जाता रहा और नए आने वाले स्नानार्थियों के लिये स्थान बनाया जाता रहा।सम्पूर्ण मेला क्षेत्र में मेले के दौरान कोविड सम्बंधित गाइड लाइन का पालन न करने वाले 974 लोगों का चालान भी किया गया।
अभिसूचना विभाग के अधिकारी/कर्मचारीगण के द्वारा मेला क्षेत्र में बादस्तुर सतर्क दृष्टि रखी गई और संदिग्ध वस्तु/व्यक्तियों की चेकिग-फ्रिस्किंग की कार्यवाही की जाती रही। उत्तराखंड आतंकवाद निरोधक दस्ते, उत्तराखंड पीएसी एवं केंद्रीय अर्धसैनिक बल के जवान भी किसी भी विपरीत परिस्थिति से निपटने के लिये अपनी-अपनी जगहों पर सतर्क रहे।अग्निशमन विभाग की सभी 12 टीमें पूरी तैयारी के साथ निर्धारित स्थलों पर अग्निशामक उपकरणों और फायर टेंडर सहित किसी भी आपात स्थिति के लिये तैयार रहे।
घुड़सवार पुलिस दस्ते के जवान शांति व्यवस्था बनाये रखने हेतु लगातार गश्त करते रहे। जल पुलिस, एसडीआरएफ और आपदा राहत दल की सम्मिलित टीमें हर की पैड़ी, भूमा निकेतन, प्रेमनगर आश्रम, जटवाड़ा पुल और नमामि गंगे घाट चंडी घाट क्षेत्र में स्थित घाटों पर स्नान करते लोगों को लगातार सतर्क करते हुए निगरानी करती रहीं, जिस कारण श्रद्धालुओं के डूबने की कोई घटना नही हुई। बम निरोधक दस्ते की 5 टीमें अपने स्निफर डॉग्स एवं बम निरोधक उपकरणों के साथ नियमित अंतराल पर हर की पैड़ी एवं आस-पास के संवेदनशील क्षेत्रों में गहन रूप से एन्टीसेबोटाज चेकिंग की कार्यवाही करती रहीं। सम्पूर्ण स्नान पर्व के दौरान मेला नियंत्रण भवन में संचार पुलिस बल के अधिकारी-कर्मचारीगण द्वारा अपने सम्मिलित प्रयासों से निर्बाध रेडियो संचार व्यवस्था संचालित की गयी। रेडियो संचार व्यवस्था के निर्विघ्न संचालन के लिये नियंत्रण भवन में 4 संचार ग्रिडों की स्थापना की गई थी। रेडियो संचार व्यवस्था के अतिरिक्त संचार पुलिस बल के द्वारा 1150 निजी/संस्थागत कैमरों एवं 96 पुलिस कैमरों के माध्यम से सम्पूर्ण मेला क्षेत्र में सतर्क दृष्टि रखी गई।
पुलिस महानिरीक्षक (कुम्भ मेला-2021) हरिद्वार, संजय गुंज्याल द्वारा देर रात्रि स्नान प्रारंभ होने के साथ ही प्रमुख स्नान घाटों पर स्नानार्थियों की संख्या, चमगादड़ टापू पार्किंग में वाहनों की संख्या एवं यातायात स्तिथि की जानकारी सम्बंधित जोनल तथा सेक्टर प्रभारियों से प्राप्त की जाती रही। आईजी कुम्भ एवं एसएसपी कुम्भ जन्मजेय खंडूरी द्वारा सम्मिलित रूप से हर की पैड़ी, अपर रोड, मुख्य बाजारों, भीमगोडा, चमगादड़ टापू पार्किंग आदि का स्थलीय भ्रमण कर ड्यूटी पर तैनात पुलिस बल का मार्गदर्शन कर उनका उत्साहवर्धन भी किया गया।