उत्तराखंड सरकार राज्य में कोरोना से निपटने के लिए युद्धस्तर पर प्रयासरत है। इस दिशा में इन दिनों व्यापक स्तर पर कामकाज हुआ है। राज्य के 13 में से 11 जनपदों में आईसीयू की स्थापना का काम पूर्ण हो गया है। जो दो जनपद अल्मोड़ा और बागेश्वर बचे हैं, वहां भी जल्द ही आईसीयू का संचालन प्रारम्भ हो जाएगा। यह जानकारी शासकीय प्रवक्ता एवं कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने दी।
उन्होंने राज्य में कोरोना की स्थिति की जानकारी दी। कौशिक ने बताया कि अब तक कोरोना से संक्रमित कुल 21 रोगी विभिन्न अस्पतालाें में उपचाररत हैं। उन्होंने बताया कि राज्य में कोरोना मरीजों की रिकवरी औसत दर 68.66 प्रतिशत है। राज्य में लिये गए कुल सैम्पल में से औसतन 0.76 प्रतिशत सैम्पल ही पॉजिटिव पाए गए हैं।
कौशिक ने बताया कि राज्य में कोराना संक्रमण शुरू होने के बाद प्रदेश में चार टेस्टिंग लैब शुरू की गई हैं जबि मार्च में हमारे यहां कोरोना संक्रमण की टेस्टिंग सुविधा नहीं थी। प्रदेश के आठ जनपदों एवं देहरादून के दून मेडिकल कॉलेज में 73 आईसीयू, 46 वेंटीलेटर तथा 21 बाईपैप मशीनों की अतिरिक्त व्यवस्था की गई है। वर्ष 2017 में राज्य में जहां केवल तीन मेडिकल कालेजों में 62 आईसीयू, 37 वेंटीलेटर तथा चार बाईपैप मशीनें ही थीं। वर्तमान में कुल 251 आईसीयू, 113 वेंटीलेटर तथा 33 बाईपैप मशीनें स्थापित की जा चुकी हैं। उन्होंने बताया कि वर्ष 2017 में जहां प्रदेश में मात्र तीन जनपदों में आईसीयू स्थापित थे, वहीं अब राज्य के 11 जनपदों में आईसीयू की स्थापना पूर्ण हो चुकी है। शेष दो जनपदों अल्मोड़ा तथा बागेश्वर में भी जल्द ही आईसीयू का संचालन प्रारम्भ हो जाएगा।
ई संजीवनी टेलीमेडिसीन सेवा प्रारंभ
शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक ने बताया कि राज्य में ई संजीवनी टेलीमेडिसीन सेवा शुरू हो चुकी है। हाल ही में 401 चिकित्सकों को नियुक्ति दी गई है। 467 पदों का अध्याचन भी चयन आयोग को भेजा जा रहा है। आयोग से चयन प्रक्रिया को जल्द पूरा करने का अनुरोध किया जाएगा। इसके अलावा कैबिनेट द्वारा 180 पदों को पुनर्जीवित किया गया था। इन पदों पर जल्द भर्ती कराई जाएगी। उन्होंने बताया कि प्रदेश के सभी राजकीय कार्मिकों एवं पेंशनर्स को आयुष्मान भारत व अटल आयुष्मान उत्तराखण्ड योजना का लाभ देने का शासनादेश जारी किया जा चुका है। कोरोना वायरस से निपटने के लिए एसडीआरएफ मद से 85 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। इसमें हर जिले को 5-5 करोड़ रुपये कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव की तैयारियों के लिए जबकि 20 करोड़ रुपये चिकित्सा शिक्षा विभाग को कोरोना नोटिफाइड अस्पतालों के सुदृढ़ीकरण और आवश्यक उपकरणों की व्यवस्था के लिए दिए गए हैं।
कौशिक ने बताया कि कोरोना वायरस की रोकथाम हेतु चिह्नित किए गए राजकीय मेडिकल कालेजों को सुदृढ़ किए जाने और उनकी क्षमता में वृद्धि किए जाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री राहत कोष से चिकित्सा शिक्षा विभाग को 10 करोड़ रुपये अवमुक्त किए गए हैं। इसके अलावा कोरोना वॉरियर्स की जीवन क्षति की दशा में परिवारजनों को मुख्यमंत्री कोष से 10 लाख रुपये की सम्मान राशि देने की व्यवस्था की गई है।