दोनों धामों के रावल उत्तराखंड रवाना, तय तिथि को खुलेंगे कपाट

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चारधाम यात्रा के दो धाम बदरी और केदार धाम के कपाट खुलने को लेकर की जा रही तमाम कयासबाजियों पर विराम लग गया है। बदरीनाथ व केदारनाथ धाम के रावल शीतकालीन प्रवास से अपने-अपने धाम के लिए शुक्रवार को रवाना हो गए। अब तय कार्यक्रम के अनुसार वैदिक परंपरा और विधि-विधान के साथ चारधाम के कपाट तय तिथि पर ही खोले जाएंगे।
पर्यटन मंत्री सतपाल महराज ने बताया कि बदरीनाथ और केदारनाथ के रावलों के लिए केंद्र सरकार से आने की अनुमति मिलने के बाद दोनों धामों के रावल दक्षिण भारत व महाराष्ट्र से धामों के लिए रवाना हो गए हैं। उन्होंने कहा कि कपाट तो विधि विधान से तय तारीखों पर ही खुलेंगे, लेकिन पूजा-अर्चना में कुछ ही लोग शामिल हो पाएंगे। श्रद्धालुओं पर पूर्ण प्रतिबंध होगा वे यात्रा नहीं कर सकेंगे।
इधर बदरीनाथ के धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल ने बताया कि उनकी बदरीनाथ के रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी से फोन पर वार्ता हुई है। वे सड़क मार्ग से आ रहे हैं। संभवतः 19 अप्रैल तक जोशीमठ पहुंच जाएंगे। इसके बाद 28 अप्रैल को जोशीमठ नृसिंह मंदिर से आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी के साथ योगध्यान बदरी पांडुकेश्वर के लिए प्रस्थान करेंगे। 29 को पांडुकेश्वर से भगवान के बाल सखा कुबेर व उद्धव की उत्सव डोली बदरीनाथ धाम पहुंचेगी। 30 अप्रैल को प्रातः साढ़े चार बजे भगवान बदरी विशाल के कपाट खुल जाएंगे।