कौन करेगा उत्तराखंड विधानसभा में कांग्रेस का नेतृत्व

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2017 के चुनाव में तगड़ी शिक्स्त मिलने के बाद अब कांग्रेस के लिए यह तय कर पाना थोड़ा मुश्किल होगा कि कौन होगा कांग्रेस पार्टी का विधान दल का नेता। एक तरफ हरीश रावत अपनी दोनों सीटों से चुनाव हार चुके हैं वहीं पार्टी प्रदेश अध्यक्ष भी अपनी सीट गवां चुके हैं। प्रदेश की सत्ता से हटकर विपक्ष में बैठने को मजबूर हुई कांग्रेस के खाते में केवल 11 विधायक आए हैं।इनमें से भी कुछ नए हैं और कुछ का अनुभव कम है।सारी गणित लगाने के बाद जो नाम ज़हन में आते हैं वो है
  • इंदिरा हृदयेश
  • गोविंद सिंह कुंजवाल और
  • प्रीतम सिंह
अब से पहले तक कांग्रेस की बागडोर प्रदेश के सीएम रावत और अध्यक्ष का कार्यभार किशोर उपाध्याय के हाथ में था लेकिन दोनो ही दिग्गज नेताओं की अपनी सीटों पर करारी हार के बाद कांग्रेस संगठन में बदलाव के आसार नज़र आ रहे हैं। प्रदेश में अब तक हर तरह से कांग्रेस की बागडोर हरीश रावत के हाथ में थी जिसके चलते लंबे समय से संगठन और सरकार में तनातनी बनी हुई थी। संगठन में बदलाव के साथ ही नई विधानसभा में कांग्रेस विपक्ष की भूमिका महत्तवपूर्ण रहेगी। ऐसे में पार्टी के भीतर नए नेतृत्व को लेकर चर्चाएं जोरो पर हैं। इन चर्चाओं में मुख्य तरह से पिछली सरकार के वरिष्ठ नेताओं में जो दो नाम हैं वह हैं इंदिरा हृदयेश और प्रीतम सिंह। इसके अलावा जागेश्वर से जीतने वाले वरिष्ठ नेता गोविंद सिंह कुंजवाल को भी इस रेस में माना जा रहा है।
अब तक हुए चार विधानसभा चुनाव में पहली बार कांग्रेस की इतनी दुर्गति हुई है अब इसका ठीकरा कौन किसके सर फूड़ोगा यह तो वक्त ही बताएगा। 2017 के चुनाव में कांग्रेस ने प्रदेश की बागडोर हरीश रावत के हाथ में दी थी, लेकिन चाहे रावत हो या फिर चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर कोई भी मोदी लहर के सामने ठहर नहीं पाया। अब जब चुनाव में ये पूरी कवायद धरी रही गई तब चुनाव प्रबंधन और रणनीति पर सवाल उठना लाज़मी है।