उत्तराखंड सरकार ने राज्य में कोरोना के आरटीपीसीआर और एंटीजन टेस्ट के लिए चिकित्सालयों और निजी प्रयोगशालाओं (लैब) द्वारा लिये जाने वाले शुल्क की नई दरें निर्धारित की हैं, जो पहले की तुलना में काफी किफायती हैं। सचिव अमित सिंह नेगी ने गुरुवार को इस आशय के आदेश जारी किए हैं।
नए आदेश के मुताबिक सरकारी या निजी चिकित्सालय द्वारा निजी प्रयोगशालाओं को प्रेषित प्रत्येक सैम्पल की एकल चरण की आरटीपीसीआर जांच के लिए 850 रुपये का शुल्क निर्धारित किया गया है लेकिन इस मामले में लैब तक सैम्पल पहुंचाने की जिम्मेदारी चिकित्सालयों की होगी। अगर किसी मरीज का सैम्पल लैब टेक्निशियन सम्बन्धित अस्पताल में जाकर लेगा तो उस स्थिति में एकल चरण की आरटीपीसीआर जांच के लिए 900 रुपये का शुल्क देय होगा। निजी प्रयोगशालाओं द्वारा स्वयं एकत्र किए जाने वाले सैम्पल के लिए निर्धारित अधिकतम दर का भुगतान सम्बन्धित व्यक्ति, जिसका टेस्ट किया जाना है, उसके द्वारा ही वहन किया जाएगा। इन निर्धारित दरों में टैक्स भी शामिल है। इसी तरह रैपिड एंटीजन टेस्टिंग के लिए भी अब नई दर अधिकतम 619 रुपये निर्धारित की गई है। इससे पहले आरटीपीसीआर के लिए क्रमशः 1400, 1500 और 1680 रुपये तथा रैपिड एंटीजन टेस्टिंग के लिए 719 रुपये की दरें निर्धारित थीं।
निजी प्रयोगशालाओं को सभी रिपोर्ट सीटी वैल्यू के अंकन के साथ मुहैया करानी होंगी। क्वालिटी ऑडिट की स्थिति में मांगे जाने पर सैम्पल को मेडिकल कॉलेज की रेफरल प्रयोगशालाओं को उपलब्ध कराना होगा। टेस्ट के बाद आईसीएमआर के पोर्टल पर रिपोर्ट दर्ज करने के अतिरिक्त सम्बन्धित जिले के सीएमओ और स्टेट सर्विलांस अधिकारी को रिपोर्ट की एक प्रतिलिपि उपलब्ध कराना अनिवार्य होगा। निर्धारित दरों से अधिक धनराशि लेने पर अथवा किसी प्रावधान का उल्लंघन होने की दशा में महामारी अधिनियम 1987 (संशोधित) एवं उत्तराखंड राज्य महामारी कोविड-19 विनियमावली 2020 के संगत प्रावधानों का उल्लंघन माना जाएगा।