कार्बेट टाइगर रिजर्व में मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक उत्तराखण्ड की अनुमति के बाद अनुपयोगी एवं विवाद रहित 250 से ज्यादा वन्यजीवों की खालों एवं अंगों काे क्षेत्रीय विधायक एवं नगर पालिकाध्यक्ष की मौजूदगी में जलाकर भस्म किया गया। इनमें से कई अंग कार्बेट प्रशासन द्वारा 25 सालों से ज्यादा समय से संभालकर रखे गए थे।
दरअसल, अवैध शिकार के दौरान बरामद वन्यजीवों की खालों को साक्ष्य के लिए तब तक विभाग द्वारा सुरक्षित रखा जाता है जब तक कि उसका न्यायालय से निस्तारण न हो जाये। हालांकि जो वन्यजीव दुर्घटना में अथवा प्राकृतिक एवं आपसी संघर्ष में मारे जाते है, उनका विभाग द्वारा पोस्टमार्टम कर उनको जला दिया जाता है। इस विषय में ज्यादा जानकारी देते हुए सीटीआर की उपनिदेशक कल्याणी ने बताया कि कॉर्बेट प्रशासन द्वारा अनुपयोगी एवं विवाद रहित वन्यजीवों की खालों एवं अंगों को प्रशासन द्वारा बनाई गई कमेटी के समक्ष नष्ट कर दिया गया।
इसमें बाघ की 38 खालें, बाघ की दो टॉफी खालें, गुलदार की 62 खालें, चीतल, सांभर के 148 सींग आदि सभी लगभग 250 से ज्यादा खालों सहित वन्यजीवों के अंगों को नष्ट किया गया। इस मौके पर क्षेत्रीय विधायक दीवान सिंह बिष्ट, नगर पालिका अध्यक्ष मोहम्मद अकरम और कार्बेट प्रशासन की पूरी टीम नजर आई।