उत्तराखंडः रामनगर में युवा वैज्ञानिक ने बनाया अल्ट्रावायलेट सेनिटाइजेशन बॉक्स

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अल्ट्रावायलेट

जहां पूरी दुनिया कोरोना महामारी और इसके संक्रमण से हलकान हो गयी है और कोरोना से बचने का कोई रास्ता नही दिख रहा है, वहीं ऐसे वक्त में हिमालय की गौद में स्थित उत्तराखंड के रामनगर के छोटे से गांव में एक उम्मीद की किरण जगी है । यहां इलेक्ट्रॉनिकी सेवा एवं प्रशिक्षण केंद्र के युवा वैज्ञानिक ने अल्ट्रावायलेट सेनिटाइज़ेशन बॉक्स बनाया है। इस युवा वैज्ञानिक का दावा है कि यह 99.99% कोरोना तथा अन्य बीमारियों के वायरस को खत्म करता है। इस अल्ट्रावायलेट सेनिटाईज़ेशन बॉक्स का उपयोग नकदी, फाइल्स, मोबाइल्स , कागज़ात व अन्य जरूरी वस्तुओं को सैनिटाइज करने में किया जा रहा है।

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इलेक्ट्रानिक्स सर्विस एंड ट्रेनिंग सेंटर, रामनगर ने अल्ट्रावायलेट सैनिटाइजेशन बॉक्स बनाया और ग्रामीण टच यूनिट्स प्रोडक्टेशन के साथ विकसित किया। बॉक्स लकड़ी का बना है और इसे स्थानीय बढ़ई द्वारा तैयार किया जा रहा है, जो गाँव में अप्रत्यक्ष रूप से आजीविका देता है और इस तरह गांवों के आर्थिक विकास में योगदान देता है। अल्ट्रावायलेट सैनिटाइजेशन कार्यालय और घरों में दैनिक उपयोग की सभी वस्तुओं के लिए सरल और रासायनिक मुक्त संकरण प्रक्रिया है। यह उत्पाद रोगाणुहीन अल्ट्रावायलेट लैंप का उपयोग करके 99.9% दक्षता से रोगजनकों, बैक्टीरिया, कवक और वायरस को मारता है। यह उत्पाद सभी सुरक्षा सावधानियों के साथ डिज़ाइन किया गया है, विशेष रूप से कार्यालय फ़ाइलों, दस्तावेजों और पैकेजों को साफ करने के लिए। हालांकि इसका उपयोग आवासीय उद्देश्य के लिए भी किया जा सकता है।
इलेक्ट्रॉनिकी सेवा एवं प्रशिक्षण केंद्र के सहायक साइंटिफिक ऑफिसर वीरेन्द्र कुमार ने बताया कि कोरोना के इस काल मे छूने और सम्पर्क में आने से कोरोना के वायरस आ जाते है। हमने रिसर्च में देखा कि कोरोना वायरस को रोकने के लिए  अल्ट्रावायलेट लाइट्स  बहुत ही कारगर है और यह कोरोना वायरस की श्रृंखला को 99% तक खत्म कर देती हैं। इस अल्ट्रावायलेट सेनिटाइज़ेशन बॉक्स को मानवीय सुरक्षा के साथ बनाया गया है ।  इस अल्ट्रावायलेट सेनिटाईज़ेशन बॉक्स को बनाने में  सहायक साइंटिफिक ऑफिसर वीरेन्द्र कुमार ने बताया कि उनके साथ सीनियर साइंटिफिक ऑफिसर वी के पंत ,दिनेश चन्द्रा और निदेशक संजीव कुमार चिट्टी का योगदान रहा।
इलेक्ट्रॉनिकी सेवा एवं प्रशिक्षण केंद्र के निदेशक संजीव कुमार चेट्टी ने बताया कि यह केंद्र एमएसएमई का एक विशिष्ट संस्थान है, जो विगत 30 वर्षो से इलेक्ट्रॉनिक क्षेत्र में अपना योगदान दे रहा है। कोरोना काल मे हमारे द्वारा दो -तीन उत्पाद बनाये गए हैं, जिनमें अल्ट्रावायलेट सेनिटाइज़ेशन बॉक्स भी एक है, जिसको काफी जगह बाजार में उपलब्ध कराया गया है। यह बॉक्स लोकल फॉर वोकल पर आधारित है । यह स्थानीय लोगों को आत्मनिर्भर बनाने के मकसद से तैयार कराया गया है। इसको हैदराबाद की प्रयोगशाला में परीक्षण कराया गया है और यह 99.99% तक कारगर साबित हुआ है । इसको  मंत्रालयों, रेलवे कार्यालयों और अधिकांश सरकारी विभागों में उपलब्ध कराया गया है ।