देहरादून, नई दिल्ली स्थित इंदिरा पर्यावरण भवन में पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा आयोजित वन मंत्रियों की बैठक में उत्तराखण्ड के वन एवं वन्य जीव मंत्री डॅा. हरक सिंह रावत ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने की।
उक्त बैठक में उत्तराखण्ड के वन मंत्री डाॅ. हरक सिंह ने कहा कि, “उत्तराखंड राज्य में प्लास्टिक को पहले काफी हद तक बैन कर दिया गया है। वन क्षेत्र में सुधार एवं वन क्षेत्र को बढ़ावा देने का प्रयास किया जा रहा है।राज्य का 29 प्रतिशत भू-भाग में ही कृषि और जनसंख्या रहती है बाकी पूरा क्षेत्र वन है उन्होंने कहा कि वन का संरक्षण किये जाने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है।”
केन्द्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कैम्पा फण्ड के तहत 2675 करोड़ रूपये का बजट स्वीकृत करते हुये उत्तराखण्ड के वन एवं वन्य जीव मंत्री डा. हरक सिंह रावत को क्रास चैक सौंपा। उल्लेखनीय है कि कैम्पा फण्ड का प्रयोग राज्यों के वन क्षेत्र में इजाफा करना, वन क्षेत्र में जल संरक्षण और वन क्षेत्र की खराब भूमि को उपजाऊ बनाने में किया जाता है।
मंत्री डा. हरक सिंह रावत ने केन्द्रीय मंत्री से अनुरोध किया कि, “उत्तराखण्ड पहाड़ी एवं वन राज्य होने के कारण राज्य सरकार के पास एक हैक्टेयर वन भूमि हस्तांतरण का अधिकार है जिसको बढ़ाकर पांच हैक्टेयर कर दिया जाये ताकि राज्य के विकास कार्य सुचारू रूप से हो सके।”
हरक सिंह रावत ने केन्द्रीय मंत्री से हिमाचल प्रदेश की तरह एफआरआई की तकनीकी रिपोर्ट के आधार पर 1000 मीटर की ऊंचाई वाले क्षेत्रों में अपनी उम्र पार कर चुके परिपक्व वृक्षों के पातन अनुज्ञा के लिए अनुरोध किया ताकि उनके स्थान पर नये वृक्ष लगाये जा सकेगें। उन्होंने कहा कि सिंगल यूस प्लास्टिक वस्तुओं के बनाने पर पूरी तरह से रोक लगाने से ही इस प्रकार की वस्तुओं का प्रयोग बन्द किया जा सकता है। बैठक में केन्द्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री बाबुल सुप्रियो व उत्तराखण्ड के अपर प्रमुख वन संरक्षक डॅा. एसडी सिंह एवं उत्तराखण्ड कैम्पा के सीईओ डॅा. समीर सिन्हा भी उपस्थित थे।