- गौरीकुण्ड से 500 मीटर दूर मार्ग पर हुआ है भारी भूस्खलन
- सोनप्रयाग, गौरीकुण्ड और केदारनाथ में रोके गए हैं तीर्थ यात्री
गौरीकुण्ड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर भारी भूस्खलन के कारण मार्ग बंद हो गया है। इससे तीर्थयात्रियों की आवाजाही भी ठप हो गई है और यात्रा को रोक दिया गया है। मार्ग बंद होने से तीर्थ यात्रियों को केदारनाथ, गौरीकुण्ड और सोनप्रयाग में रोका गया है और मार्ग खोलने के प्रयास किये जा रहे हैं, लेकिन पहाड़ी से लगातार मलबा गिरने से मलबा साफ करने में दिक्कतें हो रही हैं। मूसलाधार बारिश ने तीर्थ यात्रियों की परेशानी और बढ़ा दी है।
दरअसल, केदारनाथ और यात्रा पड़ावों में लगातार बारिश हो रही है, जिस कारण पैदल मार्ग पर भूस्खलन होने लगा है। भूस्खलन के कारण पैदल मार्ग बाधित हो गया है। ऐसे में तीर्थ यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर रोका गया है। हालांकि रास्ते में फंसे कुछ तीर्थ यात्रियों को सुरक्षित निकालने के प्रयास किये जा रहे हैं। शनिवार को गौरीकुण्ड-केदारनाथ 18 किमी पैदल मार्ग गौरीकुंड से 500 मीटर दूर भारी भूस्खलन के कारण क्षतिग्रस्त हो गया। पहाड़ी से भारी मात्रा पत्थर व मलबा गिरने से रास्ते पूरी तरह से बंद हो गया। रास्ते के अवरुद्ध होने की सूचना सोनप्रयाग में तैनात प्रशासन व पुलिस अधिकारियों को सुबह दस बजे मिली, जिसके बाद केदारनाथ जाने वाले यात्रियों का पंजीकरण रोक दिया गया।
यहां पर तैनात कानून-गो एमएल अंजवाल ने बताया कि सुबह दस बजे तक केदारनाथ के लिए 169 यात्रियों का पंजीकरण कर दिया गया था, जिसमें कुछ लोग सुबह छह बजे तक गौरीकुंड से आगे रवाना हो गए थे। रास्ता टूटने के बाद शेष 146 लोगों को गौरीकुंड में रोक दिया गया है। सोनप्रयाग में भी 70 से अधिक यात्री रोके गए हैं, जिनका पंजीकरण नहीं किया गया है। उन्होंने बताया कि रास्ता टूटने के कारण केदारनाथ से दर्शन कर लौट रहे 50 यात्री भी फंसे हुए हैं। उन्हें डीडीआरएफ की टीम द्वारा रस्सी की मदद से सुरक्षित निकाला जा रहा है।
इधर, डीडीएमए-लोनिवि गुप्तकाशी के अधिशासी अभियंता प्रवीण कर्णवाल ने बताया कि भारी भूस्खलन के कारण पैदल मार्ग क्षतिग्रस्त हुआ है। रविवार दोपहर तक रास्ते को दुरुस्त कर यात्रा के लिए खोल दिया जाएगा।