पहाड़ी खाने को अलग पहचान दिलायेंगे उत्तराखंड के मस्टर शेफ

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(ऋषिकेश) उत्तराखंड जैसे पहाड़ी राज्य में वैसे तो विभिन्न संस्कृतियों का मेल देखने को मिलता है, ऐसे में यहां के पारंपरिक खाने का पहाड़ी रंग कुछ और ही है। सीमित साधन और सीढी नुमा खेती के द्वारा हुआ अनाज यहां के स्वाद को और भी बढ़ा देता है। गढ़वाल मंडल हो या कुमाऊं मंडल दोनों के अपने पारंपरिक व्यंजन हैं, जिनको अब नई तरह से परोसने के लिए उत्तराखंड के शेफ तैयार हो रहे हैं।

राज्य में पहली बार शेफ एसोसिएशन गढ़वाल के द्वारा उत्तराखंड के विभिन्न स्थानों में मास्टर शेफ उत्तराखंड के लिए ऑडिशन करवाये जा रहे। जिसमे दूसरा ऑडिशन साई अनमोल रेस्टोरेंट एंड गेस्ट हाउस ऋषिकेश में हुआ। ऑडिशन में 60 से 70 लोगों ने हिस्सा लिया। जिसमे से टॉप 6 प्रतियोगियों अरविन्द नेगी(1),मधु रतूड़ी(2),भवानी देवी(3),बबिता गुसांई(4),शिवानी सेमवाल(5) तथा शेला सेमवाल(6) का चयन किया गया जो आगे क्वार्टर फाइनल में प्रवेश करेंगे।

साथ ही सभी टॉप 10 प्रतियोगियों को कर्वी स्टॉक ब्रोकिंग द्वारा मोमेंटो से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का जजमेंट उत्तराखंड के प्रसिद्ध शेफ तनुज, शेफ केशव चावला, शेफ शेर सिहं, शेफ सुनील ढोंडियाल, शेफ चन्दन पंवार द्वारा किया गया। समिति के अध्यक्ष शेफ विकास कुड़ियाल ने बताया है कि, “समिति का मुख्य मकसद उत्तराखंड के पारम्परिक व्यंजनों को बाढ़ावा देना है ताकि उत्तराखंड का नाम व व्यंजन देश विदेश में भी मशहूर हो सके।”