नरेन्द्र मोदी की सरकार में उत्तराखंड के एक और लाल को बड़ी जिम्मेदारी मिली है। शिक्षाविद् प्रो. प्रदीप कुमार जोशी को संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) का अध्यक्ष बनाया गया है। डॉ. प्रदीप कुमार जोशी ने शुक्रवार को संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के चेयरमैन के रूप में पद और गोपनीयता की शपथ ली। वह वर्तमान में संघ लोक सेवा आयोग में सदस्य के रूप कार्यरत थे। उन्हें आयोग के निवर्तमान चेयरमैन अरविंद सक्सेना द्वारा शपथ दिलाई गई।
आयोग के अनुसार प्रो. जोशी 2015 में सदस्य के रूप में आयोग से जुड़े थे। आयोग से जुड़ने से पहले वह छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग और मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग के चेयरमैन भी रहे थे। उन्होंने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशनल प्लानिंग एंड एडमिनिस्ट्रेशन (एनआईईपीए) के निदेशक के रूप में भी सेवाएं दी हैं।
अपने शैक्षणिक कैरियर में प्रो. जोशी ने 28 वर्ष से ज्यादा समय तक स्नातकोत्तर स्तर पर पढ़ाया और विभिन्न नीति निर्माता, शैक्षिक और प्रशासनिक संगठनों में कई अहम पदों पर रहे। वित्तीय प्रबंधन के क्षेत्र में विशेषज्ञ प्रो. जोशी ने कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों व सेमिनार में शोध पत्र प्रकाशित और प्रस्तुत किए हैं।
यूपीएससी अध्यक्ष के तौर पर प्रोफेसर जोशी की नियुक्ति छह अगस्त से प्रभावित हुई है। वे यूपीएससी के निवर्तमान अध्यक्ष अरविंद सक्सेना की जगह लेंगे। यूपीएससी के नए अध्यक्ष के रूप में उनका कार्यकाल 12 मई, 2021 तक रहेगा। वह इससे पहले वे छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग दोनों के अध्यक्ष थे और मई 2015 में यूपीएससी में सदस्य के रूप में शामिल हुए थे।
उनकी नियुक्ति पर पर कूटा यानी कुमाऊं विश्वविद्यालय शिक्षक संघ ने हर्ष व्यक्त करते हुए उन्हें बधाई दी है तथा इसे उत्तराखंड का सम्मान बताया है। कूटा अध्यक्ष प्रो. ललित तिवारी ने बताया कि प्रो. जोशी मूल रूप से अल्मोड़ा के जोशीखोला के रहने वाले हैं। उनके पिता स्व. कैलाश चंद्र जोशी सेना में रहे हैं। उनकी शिक्षा कानपुर में हुई थी। उन्होंने रुहेलखंड विश्वविद्यालय से अपना कॅरियर प्रारम्भ किया और जबलपुर विश्वविद्यालय में भी रहे।