उत्तराखंड सरकार ने फिल्म केदारनाथ पर लगे प्रतिबंध को हटाने से किया इंकार

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राज्य सरकार ने हाल ही में रिलीज की गई फिल्म ‘केदारनाथ’ पर प्रतिबंध लगाने के निर्देशक अभिषेक कपूर के अनुरोध को खारिज कर दिया, जिसमें सरकार का कहना है कि, “मंदिर क्षेत्र और आसपास में की गई फिल्म की शूटिंग  “सांप्रदायिक उत्तेजक” है

“फिल्म ‘केदारनाथ’ की कहानी सांप्रदायिक रूप से उत्तेजक है और समुदायों के बीच तनाव पैदा कर सकती है। पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा, “अब हम फिल्म के शीर्षक को बदलने के लिए कदम उठा रहे हैं क्योंकि सम्मानित मंदिर के नाम का दुरुपयोग करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है।

आपको बतादें कि शुरुआत से ही विवादों में आई फिल्म ‘केदारनाथ’ के निर्देशक अभिषेक कपूर ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को ट्वीट कर उत्तराखंड में फिल्म से प्रतिबंध हटाने का अनुरोध किया है। ट्वीट में उन्होंने कहा कि फिल्म के जरिये सांप्रदायिक सौहार्द का संदेश दिया गया है।

उत्तराखंड में फिल्म ‘केदारनाथ’ के खिलाफ हिंदूवादी संगठनों के साथ ही विभिन्न संगठन मुखर हैं। इन लोगों का आरोप है कि फिल्म आस्था पर आघात है। विवादों के कारण उत्तराखंड के सिनेमाहॉल संचालकों ने फिल्म के प्रदर्शन से हाथ पीछे खींच लिए। इतना ही नहीं, सात जिलों में स्थानीय प्रशासन ने फिल्म के प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगा दिया।

‘केदारनाथ’ फिल्म का ट्रेलर जारी होने के बाद से ही प्रदेश में इसका विरोध शुरू हो गया था। इसे देखते हुए पिछले दिनों राज्य सरकार ने फिल्म की समीक्षा के लिए प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज की अध्यक्षता में कमेटी गठित की थी।

इसकी रिपोर्ट के आधार पर सरकार ने कानून व्यवस्था की स्थिति का हवाला देते हुए फिल्म के प्रदर्शन के निर्णय को जिलाधिकारियों को अधिकृत किया था। गौरतलब है कि प्रदेश के 13 जिलों में से छह में सिनेमाहॉल नहीं है।

फिल्म के निर्देशक अभिषेक कपूर ने मुख्यमंत्री को किए गए ट्वीट में कहा कि फिल्म सामाजिक सौहार्द को बढ़ावा देती है। उन्होंने अनुरोध किया कि फिल्म के संदेश को देखते हुए इस पर लगा प्रतिबंध हटाना चाहिए।

दूसरी ओर उत्तराखंड के पर्यटन और संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने फिल्म निर्देशक के ट्वीट पर कोई टिप्पणी तो नहीं की, लेकिन कहा कि फिल्म में पहाड़ की धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़ किया गया है। फिल्म का नाम केदारनाथ रखने पर आपत्ति करते हुए उन्होंने कहा कि केदारनाथ धाम करोड़ों लोगों की आस्था का केंद्र है और आस्था को ठेस नहीं पहुंचाई जानी चाहिए।

बैन पर बोलीं सारा अली खान

सारा ने कहा- हम लोगों ने उत्तराखंड में फिल्म की शूटिंग की। हम वहां पर 40 दिनों के लिए रुके। मैंने वहां पर अपने जीवन के हसीन पल बिताए। उस जगह ने मुझे बहुत कुछ दिया है, मुझे दुख है कि मैं वहां के लोगों को ये प्यार वापस नहीं कर पाई मेरे लिए ये असली मलाल है। सारा ने आगे कहा- जाति और धर्म के आधार पर बंटवारा होना गलत है। फिल्म डिवाइड करने के बजाय, साथ जोड़ने का संदेश देती है। मुझे नहीं लगता कि लोगों को ठेस कैसे पहुंच रही है।मुझे नहीं लगता कि जो लोग ऐसा कह रहे हैं उन्होंने फिल्म देखी है।