उत्तराखंड में 20 साल में 11 मुख्यमंत्री बने हैं। इनमें से भुवन चंद्र खंडूरी और हरीश रावत एक ही कार्यकाल में दो बार मुख्यमंत्री बने। इनमें विधायक पुष्कर सिंह धामी 11 वें मुख्यमंत्री हैं। कांग्रेस ने अपने 10 साल के शासन में तीन मुख्यमंत्री दिए, जबकि भाजपा ने 10 साल में आठ मुख्यमंत्री दिए। एनडी तिवारी को छोड़ किसी ने भी पांच साल का कार्यकाल पूरा नहीं किया।
उत्तर प्रदेश से अलग होने के बाद 9 नवम्बर, 2000 को देश के 27 वें राज्य के रूप में उत्तराखंड के सबसे पहले मुख्यमंत्री नित्यानंद स्वामी राज्य की कुर्सी पर आसीन हुए। अक्टूबर 2001 में स्वामी की विदाई हो गई। उनके उत्तराधिकारी भगत सिंह कोश्यारी ने राज्य की बागडोर संभाली। कोश्यारी को लगभग चार महीने का ही कार्यकाल मिला। वर्ष 2002 की शुरुआत में हुए पहले विधानसभा चुनाव में भाजपा सत्ता से बेदखल हो गई।
-कांग्रेस ने तीन और भाजपा ने आठ मुख्यमंत्री बनाए
-एनडी तिवारी को छोड़ किसी ने नहीं पूरा किया पांच साल का कार्यकाल
इसके आद चुनाव में कांग्रेस के सत्ता में आने पर नारायण दत्त तिवारी राज्य के तीसरे मुख्यमंत्री बने। तिवारी अब तक अकेले ऐसे मुख्यमंत्री हैं, जिन्होंने पांच साल का कार्यकाल पूरा किया।
वर्ष 2007 के दूसरे विधानसभा चुनाव में फिर भाजपा को सरकार बनाने का मौका मिला। भाजपा ने तत्कालीन सांसद भुवन चंद्र खंडूड़ी को मुख्यमंत्री बनाया। बीसी खंडूडी को सवा दो साल बाद जून 2009 में हटाकर रमेश पोखरियाल निशंक की ताजपोशी कर दी गई। निशंक को भी लगभग सवा दो साल ही इस पद पर रहने का मौका मिला और सितंबर 2011 में फिर खंडूड़ी को दोबारा भाजपा ने सरकार की कमान सौंप दी।
2012 में तीसरे विधानसभा चुनाव में कांग्रेस सत्ता में आई। कांग्रेस ने सांसद विजय बहुगुणा को मुख्यमंत्री बनाया। बहुगुणा मार्च 2012 से जनवरी 2014 तक कुर्सी पर रहे। पार्टी में अंदरुनी कलह के कारण बहुगुणा को पद छोड़ना पड़ा।
हरीश रावत फरवरी 2014 में मुख्यमंत्री बने। वर्ष 2017 के चौथे विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की सत्ता से विदाई हुई और फिर भाजपा प्रचंड बहुमत से जीत दर्ज की।
भाजपा ने इस बार विधायक त्रिवेंद्र सिंह रावत को मार्च 2017 में मुख्यमंत्री की कुर्सी सौंपी। चार साल का कार्यकाल पूरा करने से कुछ ही दिन पहले नौ मार्च 2021 को त्रिवेंद्र को अप्रत्याशित घटनाक्रम के बाद मुख्यमंत्री पद गंवाना पड़ा। 10 मार्च को तीरथ सिंह रावत राज्य के 10 वें मुख्यमंत्री बने और महज 114 दिन में उनकी विदाई की पटकथा लिख दी गई। आज भाजपा विधायक दल की बैठक में उधम सिंह नगर नगर जिले की खटीमा सीट से विधायक पुष्कर सिंह धामी के नाम पर मुहर लगी।