उत्तराखंड : जीएमवीएन की अब कोरोना कहर से टूटी कमर

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जीएमवीएन
उत्तराखंड पर्यटन से जुड़ी महत्वपूर्ण एजेंसी गढ़वाल मंडल विकास निगम (जीएमवीएन) पर कोरोना संकट की जबरदस्त मार पड़ी है। इस चार धाम यात्रा के लिए कराई गई करीब सवा करोड़ की अग्रिम बुकिंग यात्रियों ने रद्द करा दी है। केदारनाथ आपदा के कारण पहले ही जीएमवीएन मुश्किल हालात से गुजर रहा है। 2013 में आई आपदा से जीएमवीएन के 50 से ज्यादा गेस्ट हाउस ध्वस्त हो गए थे।
– चार धाम यात्रा के लिए की गई सवा करोड़ की बुकिंग हुई रद्द
– केदारनाथ आपदा में 50 से ज्यादा गेस्ट हाउस हो गए थे ध्वस्त
पर्यटन विभाग ने मंडलवार दो निगमों का गठन किया है। इसमें से एक गढ़वाल मंडल विकास निगम यानी जीएमवीएन है, तो दूसरा कुमाउं मंडल विकास निगम (केएमओयू) है। चार धाम गढ़वाल मंडल में स्थित होने के कारण जीएमवीएन हर यात्रा सीजन में अपने रेस्ट हाउसों के जरिये अच्छा खासा राजस्व एकत्रित करता रहा है। हालांकि 2013 की केदारनाथ आपदा के बाद जीएमवीएन की आर्थिक हालत खराब हो गई है। उसके 50 से ज्यादा गेस्ट हाउसों के ध्वस्त हो जाने के कारण उसकी कमाई का बड़ा जरिया काफी समय तक प्रभावित रहा। हालांकि अब ये सभी गेस्ट हाउस या तो मरम्मत कर दिए गए हैं या फिर उनकी जगह पर नए गेस्ट हाउस तैयार किए गए हैं।
जीएमवीएन पिछले कुछ समय से सरकार से लगातार यह मांग कर रहा है कि उसे क्षतिपूर्ति से उबरने के लिए 80 करोड़ का आर्थिक पैकेज दिया जाए। हालांकि सरकार ने अपनी माली स्थिति को देखते इस मांग पर दिलचस्पी नहीं दिखाई है। इस यात्रा सीजन से जीएमवीएन को काफी उम्मीद थी, लेकिन कोरोना संकट के चलते इनको ग्रहण लग गया है। जीएमवीएन के महाप्रबंधक बलदेव राणा के अनुसार कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण न सिर्फ पर्यटन-तीर्थाटन बल्कि सभी क्षेत्रों पर बुरा प्रभाव पड़ा है। जल्द ही इस संबंध में नुकसान का आकलन करते हुए भविष्य के लिए रणनीति बनाई जाएगी।