दूसरे राज्यों में फंसे उत्तराखंड के लोगों को वापस लाने की प्रक्रिया शुरू किए जाने के साथ ही शासन इस मामले में फूंक-फूंक कर कदम रख रहा है। अन्य राज्यों से प्रदेश में लाए जाने वाले लोगों को यहां घर पर अथवा फेसिलिटी क्वारंटाइन में रखना अनिवार्य होगा। मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने सोमवार को इस आशय के आदेश राज्य के आला अफसरों को दिए हैं। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होंगे और 30 जून तक प्रभावी माने जाएंगे।
इसके अनुसार जिला प्रशासन गांव में आने वाले सभी बाहरी लोगों की सूचना तथा उनके स्वास्थ्य से संबंधित सूचनाएं संकलित कर संबंधित ग्राम प्रधान को उपलब्ध कराएगा। राज्य जनपद स्तर पर पंजीकरण न करवाते हुए सीधे ग्राम सभा में पहुंचने वाले व्यक्तियों का पंजीकरण करने का उत्तरदायित्व संबंधित ग्राम प्रधान का होगा। बाहर से आने वाले तथा पंजीकरण किए गए सभी व्यक्तियों के मोबाइल फोन पर आरोग्य सेतु मोबाइल ऐप को इंस्टॉल करवाने और इसे उपयोग में लाना सुनिश्चित करवाने के साथ-साथ ग्राम सभा में निवासरत अन्य व्यक्तियों को भी इसके उपयोग हेतु प्रेरित करने का उत्तरदायित्व संबंधित ग्राम प्रधान का होगा। केंद्र सरकार के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा कोरोना सुरक्षित (ग्रीन जोन) के रूप में चिह्नित उत्तराखंड के जनपदों के अन्य जनपदों में निर्धारित क्वारंटाइन अवधि पूर्ण करने वाले व्यक्तियों को छोड़कर अन्य स्थानों के ग्राम सभा क्षेत्र में आने वाले सभी व्यक्तियों को अनिवार्य रूप से घर पर 14 दिनों की निर्धारित अवधि के लिए क्वारंटाइन करने का उत्तरदायित्व संबंधित ग्राम प्रधान का होगा। घर पर क्वारंटाइन न हो पाने की स्थिति में ग्राम प्रधान द्वारा व्यक्तियों को 14 दिनों के निर्धारित अवधि के लिए निकटवर्ती विद्यालय, पंचायत घर या अन्य सामुदायिक स्थान में क्वारंटाइन किया जाएगा। इन स्थानों में बिजली, पानी, साफ सफाई की पूर्ण व्यवस्था की जाएगी।
ग्राम प्रधान द्वारा उपरोक्त इन व्यक्तियों को विद्यालय, पंचायत स्थान में क्वारंटाइन किए जाने की स्थिति में किए गए खर्च की प्रतिपूर्ति के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा कोरोना के परिप्रेक्ष्य में राज्य आपदा मोचन निधि (एसडीआरएफ) से व्यय मानकों के संबंध में निर्गत शासनादेश के क्रम में संबंधित जिलाधिकारी को सुसंगत अभिलेखों के साथ आवेदन करना होगा। समस्त जिलाधिकारी धनराशि क आहरण करते हुए इसकी सूचना ग्राम प्रधानों को उपलब्ध करवाएंगे। विद्यालय, पंचायत घर या अन्य स्थानों में क्वारंटाइन किए गए लोगों का नियमित स्वास्थ्य परीक्षण करवाने तथा इन व्यक्तियों में कोरोना के लक्षण पाए जाने की स्थिति में उनको संबंधित जनपद के मुख्य चिकित्सा अधिकारी अथवा उनके द्वारा प्राधिकृत अधिकारी के संज्ञान में लाने के लिए संबंधित ग्राम प्रधान उत्तरदायी होंगे। ग्राम प्रधान द्वारा कोरोना की रोकथाम के लिए घरों में व्यक्तियों को क्वारंटाइन किए जाने के संबंध में दिए गए निर्देशों का पालन न करने या उसमें व्यवधान डालने के दोषी व्यक्तियों के विरुद्ध आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के साथ-साथ एपिडेमिक डिसीसिस एक्ट 1897 तथा उत्तराखंड एपेडिमिक डिसीसिस एक्ट 2019 रेगुलेशन, 2020 के तहत विधिक कार्रवाई की जा सकेगी।