आसमान से बरस रही आफत ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है। क्या मैदान, क्या पहाड़ सब बारिश से सराबोर हैं। लगभग तीन दर्जन से अधिक रास्ते बंद हैं। आए दिन चारधाम यात्रा मार्गों पर मलबा और पहाड़ टूटकर गिर जाता है। केवल पर्यटक ही नहीं मैदानी क्षेत्र के आम आदमी भी आसमानी आफत के कारण काफी परेशान हैं।
लगातार हो रही बारिश से पहाड़ी क्षेत्रों के रास्तों के बार-बार बन्द होने के कारण मंडियों में सब्जियों के समय से नहीं पहुंचने के कारण बाजार में फल और सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं, जिससे लोगों का बजट बिगड़ रहा है और गरीब मंहगाई के कारण सब्जियां नहीं खरीद पा रहा है। पछवादून सब्जियों की खरीद पर अधिकांश पहाड़ी क्षेत्रों पर भी निर्भर है। आजकल लगातार हो रही बारिश के कारण पहाड़ी रास्तों के बन्द हो जाने पर मजबूर किसानों की सब्जी, फल इत्यादि समय से मंडी तक नहीं पहुंच पाती है, जिसके कारण मंडियों में सब्जी के दाम बढ़ गए हैं।
विक्रेताओं के अनुसार, कुछ समय पहले तक टमाटर बीस से तीस रुपये प्रति किलो बिक रहा था। कमलेश का कहना है कि टमाटर अस्सी से सौ रुपये और मटर एक सौ बीस रुपये प्रति किलो लेने को मजबूर होना पड़ रहा है। वहीं करेला, लौकी, तोरई पहले बीस रुपये में बिक रहे थे अब चालीस में, बीनस, बैंगन पहले तीस तो अब पचास, शिमला मिर्च पहले तीस तो अब प्रति किलो पचास रुपये से अधिक पर बिक रही है, जिससे गरीब लोगों की थाली से सब्जी गायब हो गई है और यहीं हाल फलों का भी है। महंगाई होने के कारण फल और सब्जी खरीदना आम आदमी के लिए बहुत मुश्किल हो गया है।