राज्यपाल डाॅ. कृष्ण कान्त पाल ने राजभवन में विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को भारत के परमवीर चक्र विजेताओं के चित्र भेंट कर उत्तराखण्ड में ‘विद्या वीरता अभियान’ की शुरूआत की। राज्य के अधिकांश विश्वविद्यालयों के कुलपति तथा महाविद्यालयों के प्रतिनिधियों को राज्यपाल द्वारा परमवीर चक्र विजेता भारतीय सैनिकों के चित्र शिक्षण संस्थाओं की शौर्य दीवार पर लगाये जाने के लिए प्रदान किये गए। ये चित्र सीडी में भी उपलब्ध कराये गए।
राज्यपाल ने पूर्व राज्यसभा सांसद तरूण विजय द्वारा ‘विद्या विरता अभियान’ की परिकल्पना और उसकी रूपरेखा बनाये जाने की सराहना की। कार्यक्रम में उपस्थित कारगिल युद्ध के परमवीर चक्र विजेता योगेंद्र यादव की बहादुरी की प्रंशसा करते हुए राज्यपाल ने कहा कि ये हमारे देश के वास्तविक हीरो हैं जो हमारी युवा पीढ़ी के लिए एक उदाहरण हैं। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद मिलने वाले पुरस्कारों में परमवीर चक्र सर्वोच्च सम्मान है। भारत में ‘विद्या वीरता अभियान’ देश की सीमाओं की रक्षा करने वाले वीर सैनिकों के प्रति सभी के मन में सम्मान तथा राष्ट्रभक्ति की भावना का संचार करने के लिए बहुत ही प्रशंसनीय अभियान है।
कार्यक्रम मे उपस्थित उच्च शिक्षा मंत्री धनसिंह रावत ने कहा कि केंद्रीय रक्षा मंत्री अरूण जेटली व मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडे़कर द्वारा जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से शुरू किये गये ‘विद्या वीरता अभियान’ के दूसरे चरण की शुरूआत करने वाला उत्तराखण्ड देश का पहला राज्य बन गया है। दिल्ली से शुरूआत होने के बाद दूसरा चरण देहरादून से प्रारम्भ हो रहा है। वीर सैनिकों को सम्मान देने वाले और इस विशेष अभियान की शुरूआत करने वाले राज्यों की श्रेणी में उत्तराखण्ड देश का पहला राज्य बन गया है।