देश के अत्यंत महत्वपूर्ण अंतरिक्ष मिशन चंद्रयान-2 का आखिरी चरण में धरती से संपर्क टूट गया। इसरो ने कहा है कि चांद पर लैंडिग के समय ऐन वक्त पर लैंडर विक्रम से सम्पर्क टूट गया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी चंद्रयान-2 के चांद पर लैंडिग के साक्षी बनने के लिए रात में खुद इसरो के मिशन आपरेशन काम्पलेक्स इस्ट्रैक में मौजूद थे। लैंडिंग की प्रक्रिया के करीब 14 मिनट तक शुरुआती सिग्नल काफी सटीक और अच्छे मिल रहे थे लेकिन चांद से करीब 2.1 किलोमीटर पहले लैंडर विक्रम से सम्पर्क टूट गया। इसके बाद अचानक इसरो के मिशन आपरेशन काम्पलेक्स इस्ट्रैक में सन्नाटा छा गया।
इसरो प्रमुख के. सिवन ने वहां मौजूद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को इसकी जानकारी दी, जिसके बाद प्रधानमंत्री ने उनकी पीठ थपथपाते हुए उनकी हौसलाअफजाई की और वहां से बाहर निकल गए। प्रधानमंत्री ने इसरो के वैज्ञानिकों से कहा कि मैं आपके साथ हूं। हौसले के साथ आगे बढ़ें। यह कोई छोटी कामयाबी नहीं है।
प्रधानमंत्री ने इसरो के वैज्ञानिकों को बधाई देते हुए कहा कि उन्हें हिम्मत के साथ आगे बढ़ना चाहिए, पूरा देश उनके साथ है। प्रधानमंत्री ने वहां देश के विभिन्न हिस्सों से चंद्रयान-2 की चांद पर लैंडिंग देखने आए बच्चों से मुलाकात की और उसके बाद इसरो सेंटर से चले गए।
बाद में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ट्वीट किया, “भारत देश के वैज्ञानिकों पर गर्व करता है। उन्होंने देश के गर्व बढ़ाने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ दिया। यह वह समय है जब साहस दिखाना चाहिए।”
वैज्ञानिक विक्रम का ग्राउंड से सम्पर्क टूटने से पहले के मिले डाटा का विश्लेषण करने में जुटे हुए हैं। फिलहाल यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि विक्रम ने क्रैश लैंडिंग की है, यह किसी और तरह की खराबी की वजह से सम्पर्क नहीं हो पा रहा है।
बताया गया है कि इस घटनाक्रम के बाद इसरो ने शनिवार की सुबह इस सिलसिले में होने वाली प्रेस कान्फ्रेंस रद्द कर दी है।