पिथौरागढ़- भारत-चीन सीमा पर साल भर आबाद रहने वाले बुई और पातों गांवों में आजादी के सत्तर साल बाद इस दिवाली पर बिजली तो पहुंची लेकिन घर रोशन नहीं हो सके। बिजली का पहुंचने का फायदा दोनों गांवों के 120 में मात्र दो परिवारों को मिल सका है। इस दीपावली पर भी बिजली से अपने घर रोशन करने का ग्रामीणों का सपना पूरा नहीं हो सका।
मुनस्यारी तहसील मुख्यालय से 17 किमी की दूरी पर स्थित बुई और पातों गांव आज तक बिजली से वंचित हैं। इन गांवों के लिए बिजली आने की बात तो कई वर्षो से चलती आ रही थी परंतु इस बार दिवाली से पूर्व गांव तक बिजली पहुंच गई। बिजली पहुंचने से इस दुर्गम और दूरस्थ गांवों के ग्रामीणों में खुशी फैल गई। इस बार की दीपावली बिजली के प्रकाश में मनाने को लेकर ग्रामीण उत्साहित थे। घरों को रोशन करने के लिए बाजार से बिजली की माला तक खरीद कर ले गए थे। ग्रामीणों की हसरत पर ठेकेदार ने पानी फेर दिया।
गांव तक बिजली तो पहुंचा दी। शिनाख्त के रूप में गांव के पूर्व प्रधान और सरपंच के घर तक बिजली पहुंचा कर उन्हें संयोजन दिए। इसके बाद सामान समेट कर चल दिया। ग्रामीण दीपावली की सायं तक अपने घरों के भी रोशन होने की आस में बैठे रहे। ठेकेदार के कार्य को इतिश्री कर चले जाने की सूचना मिलते ही ग्रामीणों में रोष फैल गया। ग्रामीणों ने इसे अपने साथ छल बताया है।
पातों गांव में 70 और बुई में 50 परिवार रहते हैं। बुई और पातों के बीच में दो तीन परिवार रहते हैं। ठेकेदार ने दोनों गांवों के बीच में रहने वाले दो परिवारों को बिजली दी है। वहीं ओखली नामक स्थान पर खराब ट्रांसफार्मर लगाया है। ग्रामीण अब इस बात को लेकर संशय में हैं कि गांव को कागजों में विद्युतीकृत दर्शा कर सीमांत के अन्य गांवों की तरह ही बिजली से वंचित कर दिया जाएगा। बुई और पातों के ग्रामीण दो गांवों को जिंदा रखे हैं। बुई और पातों के साथ-साथ विश्व प्रसिद्ध रालम ग्लेशियर के निकट स्थित रालम गांव को आबाद किए हैं। दुर्भाग्य यह है कि सीमा के इन अवैतनिक प्रहरियों को आज तक बिजली नहीं मिल सकी है। बुई व पातों गांवों में जहां ग्रामीण परंपरागत खेती के साथ आलू, राजमा का उत्पादन करते हैं वहीं लगभग 11 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित रालम गांव में जड़ी-बूटी, राजमा की खेती करते हैं। अलबत्ता साल के छह माह हिमाच्छादित रालम गांव तक नहीं जा पाते हैं। गांव के निवासी एवं भाजपा जिला महामंत्री मनोहर दरियाल ने बिजली के नाम पर जो खेल हुआ है उसे ग्रामीणों के साथ छल बताया है। इस मामले की शिकायत सीएम से करते हुए दोनों गांवों को बिजली संयोजन देने की मांग की है। साथ ही ठेकेदार और इसमें शामिल विभागीय अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है।