देहरादून में अाज से संस्कृति के रंगों का पिटारा ”विरासत”

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एक बार फिर, विरासत 28 अप्रैल से 12 मई तक देहरादून में लगने वाला है। देश के विभिन्न राज्यों की सभ्यता और संस्कृति से रूबरू होने का अवसर हर साल दूनवासियों को मिलता रहा है। पिछले वर्षों की तरह इस वर्ष भी राष्ट्रीय स्तर पर मशहूर कलाकार अलग-अलग सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से अापका मनोरंजन करेंगे।

गौरतलब है कि विरासत का 22वां समारोह अाज आयोजित होने वाला है। विरासत का आयोजन अंबेडकर स्टेडियम कौलागढ़, देहरादून में किया जा रहा है। इस समारोह में विभिन्न क्षेत्रों के लोकनृत्य, लोकसंगीत, चित्रकला, नाटक, शिल्प आदि का मेलजोल देखने को मिलेगा। इस साल मुख्य-मंच जावा इंडोनेशिया के नौंवे दशक के महायान बौद्ध-मन्दिर का प्रतिरूप हैै। जो भारत की संस्कृति की विविधता दर्शाता है। यह गौतम-बुद्ध द्वारा दिये गये सार्वभौमिक प्रेम का संदेश देता है। यह विश्व भर में संस्कृति के प्रसार का बेहतरीन नमूना है। इस वर्ष भी उत्तराखंड, असम, छत्तीसगढ, गोवा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश एंव गुजरात के लोक कलाकार अपने संगीत और नृत्य की छटा बिखेरेंगे। विन्टेज-कार और बाइक रैली एंव हैरिटेज-वाक से दून के नागरिक विरासत का महत्वपूर्ण हिस्सा बन सकते है।

विरासत साधना एक ऐसा मंच है जो दून के उभरते कलाकारों को प्रतिभा दिखाने का अवसर देता है। राष्ट्रीय स्तर पर ख्याती प्राप्त कलाकारों की फेहरिश्त में डोना गांगुली, संजीव अभ्यंकर, संजीव खान, डाॅ. ममता जोशी जैसे नामों के साथ ही साथ वारसी बंधु, वडाली बंधु, पीनाज मसानी एंव शुभेंद्र और सिस्किया जैसे कलाकार भी शामिल हैं। विश्व प्रसिद्ध शायर डाॅ. राहत इंदौरी, अकबार कौशिक, रश्मि सबा, नदीमसाद और मदनमोहन दानिश मुशायरे में हिस्सा लेंगे। वहीं दोपहर के कार्यक्रमों में नामांकित शिल्पकारों एवं चित्रकारों द्वारा कार्यशाला आयोजित की जाएगी। साथ ही साथ उत्तराखंड प्रदेश में निर्मत स्थानीय फिल्म का भी प्रदर्शन किया जाएगा। कई प्रदेशों से आए विभिन्न प्रकार के पकवानों एंव खाद्य पदार्थों का दूनवासी मेले में लुत्फ उठा सकते हैं।