पिथौरागढ़- पलायन के लिए पहाडों पर एक नहीं कई कारण है, सरकार भले ही पलायन रोकने के लिए कई कदम भी उठा रही है, लेकिन शासन की फाईलों में घुमती योजनाएं धरातल पर नहीं उतरती और युवा पीढी को पलायन के लिए मजबूर होना पडता है, एसा ही कि भारत-नेपाल सीमा से लगे गर्खा क्षेत्र का जहां पलायन कि वजह पेयजल समस्या है।
ग्यारह हजार की आवाजी वाले इस क्षेत्र पेयजल समाधान राज्य गठन के 17 वर्षो बाद भी नहीं हो पाया है। इस क्षेत्र के लोगों को गर्मियां तो दूर शीतकाल में भी पेयजल संकट झेलना पड़ रहा है। पानी की कमी के चलते लोग गांव छोड़ रहे हैं। गर्खा क्षेत्र के लिए हालांकि दो पेयजल योजनाएं बनी हैं। एक पेयजल योजना 7 किमी तो दूसरी लगभग 14 किमी दूर से बनी हैं। दोनों स्रोतों में पानी लगातार घट रहा है। स्रोतों पर पानी कम होने से गर्खा क्षेत्र तक पानी नहीं पहुंच पाता है। जिसके चलते गर्खा क्षेत्र के 13 गांव विगत कई वर्षो से पेयजल समस्या झेल रहे हैं।
वर्ष 2007 में तत्कालीन सीएम बीसी खंडूड़ी ने भागीचौरा में क्षेत्र के लिए चरमा नदी से लिफ्ट पेयजल योजना स्वीकृत की थी। 10 वर्ष गुजर गए पेयजल योजना का निर्माण नहीं हो सका है। इस पेयजल योजना के संबंध में पेयजल निगम के अधिकारी बताते हैं कि लिफ्ट पेयजल योजना की डीपीआर दो बार शासन को भेज दी गई है। वित्तीय स्वीकृति के बाद कार्य प्रारंभ होगा। शीतकाल में ही पेयजल संकट झेल रहे ग्रामीण आने वाली गर्मियों को लेकर अभी से परेशान हैं।