गर्मी की तपन बढ़ने के साथ ही स्रोतों पर जलस्तर घटने लगा है। इससे कई स्रोत आधारित पेयजल योजनाएं प्रभावित हो चली हैं। विकास खंड अंतर्गत ऐसा ही कुछ हाल छाम-भगोती-पटलगांव पेयजल योजना का है। पानी की कमी के चलते सप्ताहभर से जौंलचौरा व खज्यूरां में पेयजल आपूर्ति ठप पड़ी है। ऐसे में गांवों में पीने के पानी का भारी संकट उत्पन्न हो चला है।
जौलचौरा व खज्यूरां समेत आसपास के गांवों के लिए छाम-भगोती-पटलगांव योजना से पानी की आपूर्ति होती है, लेकिन स्रोत पर पानी की भारी कमी व समुचित देखरेख के अभाव में इन गांवों में बीते एक सप्ताह से पानी नहीं पहुंच रहा है। जौलचौरा गांव में तो पानी का और भी संकट उत्पन्न हो चला है। गांव के करीब 35 परिवार नौले पर निर्भर हैं, लेकिन वह भी सूखने के कगार पर है। घंटों बाद पानी भरने का नंबर आता है।
ग्रामीणों का कहना है कि इस संबंध में कई बार जल संस्थान के अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है, लेकिन कोई व्यवस्था नहीं हो पाई है। पानी की समस्या को लेकर गांव का शिष्ट मंडल क्षेत्रीय विधायक को भी मिल चुका है। प्रधान जगदीश लाल, कुबेर सिंह व नारायण सिंह राणा आदि ने गांव के लिए अलग योजना बनाने की मांग की है।
जौलचौरा व खज्यूरां में सड़क किनारे एक-एक हैंडपंप लगे हैं, लेकिन इनमें एकदम पीला रंग लिए गंदा पानी निकलता है, जो पीने योग्य नहीं है। हैंडपंप से निकलने वाला पानी बर्तनों को भी पीला कर देता है। ग्रामीणों की मांग है कि इनमें फील्टर लगाए जाएं। ताकि आसपास के लोगों को कुछ राहत मिल सके।