उत्तराखंड में लगातार हो रही बारिश से पर्यटकों से लेकर स्थानीयों लोगों की परेशानियां बढ़ी हुई हैं। बारिश से मूसरी स्थित ऊंचाई वाला कैंपटी फॉल उफान पर है। पुलिस की ओर से कैंपटी से समय रहते पर्यटकों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया। मौसम विभाग ने इस सप्ताह के लिए दून, नैनीताल, चंपावत के साथ ही पर्वतीय क्षेत्रों में भारी बारिश को लेकर चेतावनी जारी की है।
मंगलवार को देहरादून सहित राज्यभर में दिन की शुरुआत बारिश के साथ हुई। देर रात से प्रारंभ हुई बारिश दोपहर तक पड़ती रही। आज नैनीताल, चंपावत, बागेश्वर एवं पौड़ी में कहीं-कहीं भारी वर्षा की संभावना है। आसमान में बादल छाए हुए हैं। बारिश से देहरादून सहित कई जगहों पर जलभराव से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा है।
राज्य में बारिश से पर्वतीय और मैदानी दोनों स्थानों पर पानी का जलस्तर बढ़ने लगा है। मसूरी कैंपटी में भारी बारिश से सोमवार शाम अचानक फॉल ने विकराल रूप ले लिया। उफान को देख पर्यटक दहशत में आए। इस बीच कैंपटी थाना पुलिस की मुस्तैदी से विभिन्न झरनों में नहा रहे लगभग 250 पर्यटकों और मुख्य झरने के इर्द-गिर्द के दुकानदारों को वहां से हटा लिया गया। दो पर्यटक और कुछ पुलिस कर्मी झरने के दूसरे छोर पर फंस गए। दो घंटे बाद जब झरने में पानी कम हुआ तो पुलिसकर्मी और पर्यटकों को निकाला जा सका।
बीते चार सितम्बर को मसूरी और आसपास हुई तेज बारिश के कारण कैंपटी फाल में उफान आ गया था। इस दौरान पुलिस ने सजगता दिखाते हुए पर्यटकों और आसपास के दुकानदारों को सुरक्षित निकाला।
कैंपटी थानाध्यक्ष नवीन चंद्र जुराल ने बताया कि मसूरी के कंपनी बाग, जार्ज एवरेस्ट व बिनोग वाइल्ड लाइफ सेंचुरी क्षेत्र में भारी बारिश होने के अंदेशे को भांपते हुए सोमवार शाम को पर्यटकों फॉल से सुरक्षित स्थान पर भेजा गया। बारिश और कैंपटी फॉल में बढ़ते जलस्तर को देखते हुए पुलिस बल को तैनात कर अलर्ट कर दिया गया है। मौसम को देखते हुए कैंपटी की ओर पर्यटकों को नहीं जाने दिया जा रहा है।
मौसम विभाग की ओर से दून, नैनीताल, चंपावत के साथ ही पर्वतीय क्षेत्रों में भारी बारिश की संभावना है। कहीं-कहीं गर्जना के साथ बिजली चमकने और बारिश की संभावना है। बारिश का यह सिलसिला आगे चार दिन यानी 17 सितम्बर तक जारी रहेगा। इस दौरान कुमाऊं व गढ़वाल के पर्वतीय क्षेत्रों में बारिश होने का अनुमान है। बारिश को लेकर प्रशासन भी अलर्ट मोड पर आ गया है।
पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक डॉ. आरके सिंह ने बताया है कि उत्तराखंड में सामान्य तौर पर 15 सितम्बर तक मानसून विदा हो जाता है लेकिन मौसम में आए हालिया बदलाव के कारण इस साल मानसून देरी से जाएगा। जिस साल मानसून देरी से आता है उस वर्ष उसकी विदाई भी देरी से होती है।