विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने दक्षिण अफ्रीका के बोत्सवना में मिले कोरोना वायरस के नए संस्करण बी.1.1.529 का नाम ओमीक्रॉन दिया गया है, जिसे चिंता का कारण (वैरिएंट ऑफ कंसर्न) बताया गया है। इस श्रेणी (वैरिएंट ऑफ कंसर्न) के वायरस को अत्यधिक संक्रामक माना जाता है। डेल्टा वैरिएंट को भी इसी श्रेणी में रखा गया था।
इस वैरिएंट के सामने आने से पहले ही ब्रिटेन, जर्मनी और रूस समेत यूरोप और अन्य क्षेत्रों के कई देशों में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे थे। रूस में तो इस महामारी के चलते रिकॉर्ड संख्या में लोगों की मौतें भी हो रही थीं। अब इस नए वैरिएंट के सामने आने के बाद दुनिया में दहशत फैल गई है।
डब्ल्यूएचओ के पास 24 नवंबर 2021 को दक्षिण अफ्रीका में बी.1.1.529 वैरिएंट से संक्रमण का पहला मामला सामने आया। हालांकि इस वैरिएंट से संक्रमण का पता 9 नंवबर 2021 को टेस्ट के लिए आए एक सैंपल से चला था।
डब्ल्यूएचओ के डायरेक्टर जनरल टेड्रोस अधनम घेब्रेसस ने ट्वीट में बताया कि नया कोविड-19 वैरिएंट ओमीक्रॉन के बड़ी संख्या में म्यूटेशन हैं जिसमें से कुछ तो काफी चिंताजनक है। इसलिए हमें वैक्सीन को लेकर सजग होना होगा। प्रभाव को समझने के लिए व्यापक स्तर पर जांच करवानी होगी ताकि इसके जोखिमों और पब्लिक हेल्थ को ध्यान में रखते हुए समुचित इंतजाम किए जा सकें।
बता दें कि दक्षिण अफ्रीका में इन दिनों कोरोना वायरस के इसी स्ट्रेन से संक्रमितों का आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा है। इससे पहले यहां डेल्टा वैरिएंट का प्रकोप था।