आबकारी अधिकारियों की मिलीभगत से शराब के ठेकेदार लगा रहे सरकार को करोड़ों का चूना

0
693
निलंबित

ऋषिकेश। उत्तराखंड सरकार के सबसे कमाऊ विभाग आबकारी के अधिकारियों की मिलीभगत के चलते जनपद देहरादून मे खुली 94 शराब की दुकानों के ठेकेदारों ने सरकार को मिलने वाले करोड़ों रुपये दबा लिए जाने के बावजूद खुलेआम चल रही है। शराब के ठेकेदार अधिकारियों की मिलीभगत से करोड़ों रुपये का चूना लगा रहे हैं। इससे सरकार माली हालत के दौर से गुजर रही है।
आबकारी विभाग के अधिकारियों के अनुसार, देहरादून जनपद में देशी व अंग्रेजी शराब की 94 दुकानें खुली हैं। नियमानुसार 31 जुलाई तक सरकार को मिलने वाला करोड़ों रुपये का अधिभार जमा हो जाना चाहिए, लेकिन कुछ शराब के ठेकेदारों द्वारा अभी तक भी अधिभार जमा नहीं किया गया है। ठेकेदार द्वारा अधिभार जमा ना किए जाने की स्थिति में तत्काल आबकारी विभाग को शराब की दुकान बंद करवा देनी चाहिए ।लेकिन आबकारी विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत के चलते अभी तक ना तो कोई दुकान बंद की गई है ।और ना ही सरकार को करोड़ों रुपए का मिलने वाला राजस्व ही प्राप्त नहीं हुआ है। जिससे सरकार को भी माली हालत के दौर से गुजरना पड़ रहा हैः जिसके कारण कई विभागों के कर्मचारियों को तनख्वाह तक भी नहीं मिल पा रही है।मिली जानकारी के अनुसार यह अधिभार 31 जुलाई तक जमा हो जाना था, अगस्त माह का भी एक पखवाड़े बीत गया है। लेकिन ठेकेदार यह अधिभार जमा नहीं कर रहे हैं। क्योंकि उन्हें आबकारी विभाग के अधिकारियों का वरदहस्त प्राप्त है।

जिले के आबकारी अधिकारी मनोज उपाध्याय से जब इस संबंध में बातचीत की गई तो उनका कहना था कि जिन दुकानदारों द्वारा अधिभार जमा नहीं किया गया है ।उनके विरुद्ध विभागीय कार्यवाही के चलते नोटिस काट दिए गए हैं। और उन्हें चेतावनी दी है कि वह उक्त अधिभार को तत्काल जमा करवा दें ।अधिभार जमा ना होने की स्थिति में उनकी दुकानों को बंद करवा दिया जाएगा। मनोज उपाध्याय का यह भी कहना है नियमानुसार यह अधिभार हर महीने जमा किया जाता है लेकिन समय पर दुकान के ठेकेदारों द्वारा जमा न किये जाने के बाद उनसे ब्याज लिए जाने का प्राविधान भी है। लेकिन उसके बावजूद भी ठेकेदार अपनी सुविधानुसार इस अधिकार को जमा करवाते हैं जबकि सूत्र बताते हैं की वर्ष 2017 का ठेकेदारों पर 3 करोड़ से अधिक ब्याज का बकाया चल रहा है ।जिसे विभाग वसूल नहीं कर पाया है ।जिससे सरकार को हर वर्ष शराब के कारण मिलने वाले राजस्व का नुकसान हो रहा है लेकिन संबंधित विभाग नोटिस की कार्रवाई कर मात्र खानापूर्ति कर अपने काम की इतिश्री कर रहा है।