डोईवाला दुधली के अजय कुमार ने शराबबंदी को लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र लिखा है जिसमें पीएमओ ने संज्ञान लेते हुए राज्य के मुख्य सचिव को उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। यह शायद पहला मौका है जब राज्य में शराबबंदी का मामला पीएमओ तक पहुंचाया गया है और पीएमओ ने इस पर तुरंत संज्ञान लेते हुए कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
उत्तराखण्ड में शराब बंदी को लेकर माहौल गरमाया हुआ है।राज्य के अलग-अलग जिलों में महिलाओं ने शराब के विरोध में आवाज बुलंद की हुई है। ऐसी संघर्षशील मातृशक्ति को अब पीएमओ ने भी मान लिया है ।एक तरफ महिलायें शराबबंदी को लेकर आंदोलनरत हैं और सरकार इस जुगाड़ में जुटी है कि शराब से होने वाली मोटी कमाई को कैसे बरकरार रखा जाये।महिलाएं तो महिलाए अब पुरुष भी शराब का कारोबार रोकने के लिए आगे आ रहे हैं।
वैसे तो उत्तराखण्ड में पहले भी शराब के विरोध में महिलाओं ने बड़े आंदोलन चलाये गये हैं। जिसका बहुत कुछ हद तक सकारात्मक परिणाम भी देखने को मिला। लेकिन शराब लाॅबी महिलाओं के शांत होते ही फिर से अपने पैर जमाने लगती हैं। अभी कुछ दिन पहले ही रुद्रप्रयाग के तल्लानागपुर क्षेत्र की महिलाओं ने चोपता बाजार में शराब की पांच दुकानों में छापामारी की। दुकानों में रखी शराब की पेटियां सड़क पर लाकर तोड़ी गई। आक्रोशित महिलाओं ने कड़ी चेतावनी देते हुए शराब कारोबारियों को भगा दिया। वहीं सतेराखाल की महिलाओं ने भी सड़कों पर उतरीं और बड़ी रैली निकालकर धरना प्रदर्शन किया । महिलाओं के बढ़ते आक्रोश को देखते हुए पुलिस प्रशासन में भी हड़कंप मचा हुआ। उसके बाद धनौल्टी की एक घटना जिसमें 65 साल की एक महिला ने अन्य महिलाओं के साथ शराब की दुकान में घुसकर तोड-फोड़ की थी। शराब विरोधी आंदोलन लगभग पूरे उत्तराखण्ड में अपने चरम पर है। कहीं नेशनल हाईवे और स्टेट हाईवे से ठेके हटाने के आदेश का कड़ाई से पालन करने की मांग है। कहीं रिहायशी क्षेत्रों में शराब की दुकानें खोलने का विरोध हो रहा है तो कहीं कालोनी में लोग शराब के खिलाफ साथ मिल कर खड़े हैं।