ऋषिकेश। यूं तो त्रिवेणी घाट का नजारा श्याम के समय देखने लायक होता है कल कल बहती गंगा और डूबते सूरज का दीदार हर किसी का मन मोह लेता है लेकिन बात करें करवा चौथ की तो इस दिन पूरा त्रिवेणी घाट सुहागिनों के रंग में रंग जाता है हर जगह विवाह के जोड़े में दंपत्ति एक दूसरे का हाथ थामे मां गंगा को पुष्प और दिया अर्पित करते हैं और अपने परिवार की सुख समृद्धि की कामना करते हैं आज का दिन सुहागिनों के दिन के नाम से जाना जाता है गंगा तटों पर रहने वाले लोगों के लिए मां गंगा ही सर्वप्रथम पूजनीय होती हैं उनके बाद घर पहुंचकर सुहागिनें चांद का दीदार करके अपने निर्जल व्रत का समापन करती है ऋषिकेश की परंपरा सालों से चली आ रही है नई नवेली दुल्हन से लेकर बुजुर्ग महिला तक सुहाग के जोड़े में सज कर त्रिवेणी के तट पर पति के साथ पूजा करती है नजर आती है