विश्व कैंसर दिवस पर मैक्स ने लांच किया ‘वी कैन, आई कैन’ जागरुकता कार्यक्रम

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मैक्स सुपर स्पेशलटी अस्पताल, देहरादून ने विश्व कैंसर दिवस के मौके पर रोग के बारे में जागरुकता पैदा करने के लिए एक प्रेस सम्मेलन का आयोजन किया। विश्व कैंसर दिवस 2016-18 की आधिकारिक थीम ‘वी कैन, आई कैन’ के तहत कार्यक्रम में इस बात पर चर्चा की गई कि कैसे हर व्यक्ति दुनिया में कैंसर के बढ़ते बोझ को कम करने में अपना योगदान दे सकता है। इस मौके पर शिरकत करने वाले अन्य डाक्टरों में शामिल थे- डा आकाश नारायण, गैंद, कन्सलटेन्ट-सर्जिकल ओंकोलोजी, डा विमल पंडिता, कन्सलटेन्ट-मेडिकल ओंकोलोजी, मैक्स सुपर स्पेशलटी अस्पताल, देहरादून तथा डा संदीप सिंह तंवर, जनरल मैनेजर- आपरेशन्स, मैक्स सुपर स्पेशलटी अस्पताल, देहरादून।

इस मौके पर मैक्स सुपर स्पेशलटी अस्पताल में कन्सलटेन्ट-सर्जिकल ओंकोलोजी डा आकाश नारायण गैंद ने कहा, ‘‘कैंसर के तेज़ी से बढ़ते मामले इसके कारणों और लक्षणों के बारे में जागरुकता नहीं होने का परिणाम हैं, जिसके चलते रोग के निदान और इलाज में देरी होती है। अत्याधुनिक सर्जिकल तकनीकों के चलते कैंसर के तकरीबन 75-80 फीसदी मामलों का उपचार सम्भव है। मैक्स सुपर स्पेशलटी अस्पताल, देहरादून उत्तराखण्ड का एकमात्र केन्द्र है जहां कैंसर से सम्बन्धित मुश्किल इलाज भी सफलतापूर्वक की जा रही हैं जैसे काम्पलेक्स हैड एण्ड नैक कैंन्सर (सिर एवं गले का कैंसर), स्तन कैंसर, गैस्ट्रो-इन्टेस्टाईनल कैंसर एवं गाइनी (जननांगों का कैंसर) कैंसर के लिए माइक्रो-वैस्कुलर रीकन्सट्रक्शन।’’ मैक्स सुपर स्पेशलटी अस्पताल, देहरादून में कन्सलटेन्ट-मेडिकल ओंकोलोजी डा विमल पंडिता ने कहा, ‘‘चूंकि कैंसर के लिए विशिष्टीकृत केन्द्र देश के कुछ चुनिंदा शहरों में ही उपलब्ध हैं, कैंसर स्पेशलटीज़ और तकनीकी क्लिनिकल स्टाफ की बात करें तो कुशल मैनपावर और टेकनोलोजी की उपलब्धता पर्याप्त नहीं है। एक अनुमान के अनुसार देश में 2021 तक डाक्टर मरीज़ अनुपात 1:1000    होगा जो वर्तमान में 1:2000 है।’

उन्होंने अपनी बात को जारी रखते हुए कहा, ‘‘मैक्स सुपर स्पेशलटी अस्पताल का मेडिकल ओंकोलोजी एवं हिमेटोलोजी विभाग अत्याधुनिक टेकनोलोजी से युक्त है जैसे कीमोथेरेपी, इम्यूनोथेरेपी, टारगेटेड थेरेपी, एंटीबाॅडीज़, सपोर्टिव एवं पैलिएटिव केयर आदि। एक टर्शरी केयर अस्पताल होने के नाते हम कैंसर मरीज़ों की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए अत्याधुनिक चिकित्सकीय समाधान उपलब्ध कराते हैं। विभाग में हर माह 150 से ज़्यादा कीमोथेरेपी सत्र होते हैं। हम हर साल कैंसर के लगभग 600 नए मरीजों को उपचार उपलब्ध कराते हैं। इसके अलावा विभाग बोन मैरो ट्रांसप्लान्ट सुविधा शुरू करने की योजना भी बना रहा है- जो उत्तराखण्ड राज्य में अपनी तरह की पहली सुविधा होगी।’’

ओंकोलोजिस्ट एवं यूरो-ओंकोलोजिस्ट सर्जनों की मदद से एक व्यापक कैंसर क्लिनिक भी शुरू करेंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमें यह घोषणा करते हुए बेहद खुशी का अनुभव हो रहा है कि मैक्स इण्डिया फाउन्डेशन और हंस फाउन्डेशन ने कैंसर पीड़ित 30 बच्चों को मुफ्त इलाज मुहैया कराने के लिए आपस में हाथ मिलाए हैं। मैक्स इण्डिया फाउन्डेशन – मैक्स सुपर स्पेशलटी अस्पताल, देहरादून की शुरूआत से ही गरीब बच्चों को उपचार एवं सर्जरी की सुविधाएं उपलब्ध करा रहा है। परियोजना का लांन्च 1 फरवरी को किया गया और यह 30 सितम्बर 2017 तक प्रभावी रहेगी। यह साझेदारी 0-20 आयुवर्ग के कई बच्चों और युवाओं की कीमती ज़िन्दगियां बचाएगी तथा रोग का बोझ कम करके देश की उत्पादकता बढ़ाने में योगदान देगी। हमें उम्मीद है कि हमारी यह पहल अन्य संगठनों को भी आगे आने तथा इस जानलेवा बीमारी के खिलाफ़ संघर्ष में योगदान देने के लिए प्रोत्साहित करेगी।’’ भारत में, जहां कैंसर हर साल 5 लाख लोगों की जान ले लेता है, 30 लाख से ज़्यादा लोग कैंसर से पीड़ित हैं, जिनमें से 11 लाख नए मामले हैं। स्तन और सरवाइकल कैंसर महिलाओं में कैंसर के सबसे आम प्रकार हैं, वहीं फेफड़ों और प्रोस्टेट का कैंसर पुरुषों में आम है। तम्बाकू चबाने की आदत के चलते देश को मुख कैंसर की दृष्टि से दुनिया का राजधानी का खिताब भी मिल गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार भारत में कैंसर के 65 फीसदी से ज़्यादा मामलों का कारण तम्बाकू ही है। अकेला तम्बाकू हर साल कैंसर के 1.5 लाख मामलों, 4.2 मिलियन हृदय रोंगों और 3.7 मिलियन फेफड़ों के रोगों का कारण बनता है। हाल ही में किए गए एक अध्ययन के अनुसार देश में कैंसर के 70 फीसदी मामलों का निदान देरी से होता है, जबकि 60 फीसदी मरीज़ों को गुणवत्तापूर्ण उपचार नहीं मिल पाता।

मैक्स अस्पताल में विकसित विज्ञान संस्थान है जिसका संचालन डा.ए.के सिंह के नेतृत्व में किया जाता है। यह क्षेत्र का एकमात्र अस्पताल है जहां प्रशिक्षित विशेषज्ञ चैबीसों घण्टे उत्कृष्ट सेवाएं उपलब्ध कराते हैं। अस्पताल न केवल देहरादून बल्कि आस-पास के क्षेत्रों के निवासियों की उपचार सम्बन्धी आवश्यकताओं को भी पूरा करता है।