विश्व प्रसिद्ध कत्थक नृत्यांगना शोभना नारायण ने युवा पीढ़ी को दिए कत्थक के टिप्स

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इंडिया की अमूल्य धरोहर शास्त्रीय संगीत और शास्त्रीय नृत्य का पूरे विश्व में एक विशेष स्थान है कत्थक नृत्य एक ऐसी परंपरा है जिसने पूरे विश्व को दीवाना बना रखा है। कथक की विश्व प्रसिद्ध नृत्यांगना शोभना नारायण ने ऋषिकेश में एस बी एम पब्लिक स्कूल में स्पीक मैके के तत्वाधान में अपने नृत्य कला की प्रस्तुति देकर समा बांध दिया। युवा पीढ़ी को अपनी परंपरा से जुड़ने के लिए स्पिक मैके का भारतीय संगीत एवं नृत्य से जोड़ने का अभियान ऋषिकेश पहुंचा और यहां के एसबीएम स्कूल में युवाओं को नई पीढ़ी से जुड़ने के लिए और उनकी रुचि शास्त्रीय संगीत की विधा में जगाने के लिए समय-समय पर अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन करके युवाओं को जागरूक करते हैं।

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स्पीक मैके के उत्तराखंड कोऑर्डिनेटर अभिषेक अग्रवाल और धीरेंद्र जोशी ने बताया भारत के पास अपनी कला का एक बड़ा खजाना है। स्पीक मैके युवा पीढ़ी को इस अमूल्य धरोहर को संजोए रखने के लिए प्रयासरत है और ऐसे छोटे शहरों में प्रस्तुति देकर यहां के युवाओं को अपनी सभ्यता से जोड़ने का काम करते हैं। ऋषिकेश पहुंची विश्व प्रसिद्ध नृत्यांगना शोभना नारायण ने बताया कि स्कूल और कॉलेजों में इस तरह के कार्यक्रम होनी चाहिए क्योंकि यह एक बीज है जो आगे जाकर एक फल के रूप में सामने आएगा और हमारे भारतीय शास्त्रीय संगीत और नृत्य कला को संजोए रखेगा क्योंकि भारत की शास्त्रीय परंपरा को इन्हीं के जरिए आगे बढ़ाया जाएगा। ऋषिकेश में प्रस्तुति देकर शोभना नारायण काफी खुश थी उन्होंने बताया कि 1963 के बाद वह दूसरी बार ऋषिकेश में अपने नृत्य के अनुभव को साझा कर रहे हैं और यहां देव भूमि में प्रस्तुति देकर उन्हें आत्म अनुभूति हो रही है। एक तरफ मां गंगा है और दूसरी ओर हिमालय यह अद्भुत संगम है जो नृत्य को एक नई ऊर्जा देता है.