नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्या ने बुधवार को सदन में आम बजट पर चर्चा में कहा कि घाटे की बजट से उत्तराखंड का विकास की बात अधूरी लगती है। बजट में राज्य के लिए कुछ नया नहीं है। इसलिए यह बजट उम्मीद से विपरीत निराशाजनक है।
नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने बजट पर लगभग डेढ़ घंटे से अधिक तक बोले। इस दौरान उन्होंने कहा कि युवाओं के लिए रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य पर कुछ नहीं है। राज्य में बढ़ते पलायन की चिंता पर कहा कि सरकार का कोई ठोस विजन नहीं दिखा। चार धाम यात्रा में सरकार व्यवस्था की पोल खुल गई। तीर्थयात्रियों के साथ घोड़े,खच्चरों की मौत प्रदेश के साथ देशभर में उत्तराखंड के प्रति गलत संदेश गया है।
उन्होंने कहा कि सिंचाई बाढ़ में आवंटित बजट का 44 फीसद धन खर्च नहीं होना बहुत ही दुर्भाग्य है। उन्होंने कहा कि साल 2017 से लेकर 21 तक 57152 करोड़ रुपये का कर्ज सरकार ने लिया औऱ 2002 से 2017 तक 35 हजार करोड़ का कर्ज था।
उन्होंने बताया कि पिछले 5 वर्षों में सरकार ने अधिक कर्ज लिया। आज के समय में उत्तराखंड में 97 हजार करोड़ का कर्जा हो चुका हैं। कुल कर्ज प्रदेश में अब तक 1 लाख 5 हजार करोड़ रुपये पहुंच चुका है। कर्ज लेने के मामले में उत्तराखंड क़ी स्थिति श्रीलंका की तरह न हो जाए। सरकार कर्ज लेकर अगर इंवेस्टमेंट पर लगाया जाता तो बेहतर होता। यह बजट पूरी तरह से निराशाजनक है।