मुम्बई, भारतीय क्रिकेट टीम को वर्ष 2011 में क्रिकेट विश्व कप का खिताब दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले बाएं हाथ के विस्फोटक बल्लेबाज युवराज सिंह ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया है।
युवराज ने मुम्बई में एक प्रेस वार्ता कर अपने संन्यास की घोषणा करते हुए कहा कि मैंने कभी हार नहीं मानी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि 2011 का विश्व कप जीतना मेरे लिए सपने सरीखा था। मैंने अपने पिता का सपना पूरा किया। उन्होंने कहा किअब वो कैंसर पीड़ितों की मदद करेंगे।
युवराज ने कहा कि वह काफी समय से संन्यास के बारे में सोच रहे थे और अब उनका प्लान आईसीसी द्वारा मान्यता प्राप्त टी-20 टूर्नामेंट्स में खेलने का है। प्रेस वार्ता के दौरान युवराज के साथ उनकी पत्नी हेजल और मां शबनम भी मौजूद रहीं।
वर्ष 2000 में भारत के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण करने वाले युवराज सिंह 2019 क्रिकेट विश्व कप में खेलना चाहते थे। लेकिन खराब फॉर्म और फिटनेस के कारण उनका यह सपना अधूरा रह गया। युवराज ने 2007 टी-20 विश्व कप में इंग्लैंड के गेंदबाज स्टुअर्ड ब्रॉड के ओवर की 6 गेंदों पर 6 छक्के जड़े थे।
युवराज ने भारत के लिए 304 एकदिनी मैचों में 36.55 की औसत से 8701 रन बनाए हैं, जिसमें 14 शतक और 52 अर्धशतक शामिल हैं। इस दौरान उनका सर्वोच्च स्कोर 150 रन रहा। वहीं गेंदबाजी में युवराज के नाम 111 विकेट हैं और उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 31 रन देकर 5 विकेट रहा है।
इसके अलावा युवराज सिंह ने भारत के लिए 40 टेस्ट मैचों में 33.92 की औसत से 1900 रन बनाए हैं, जिसमें 3 शतक और 11 अर्धशतक शामिल हैं। इस दौरान उनका सर्वोच्च स्कोर 169 रन रहा। टेस्ट में युवराज सिंह के नाम 9 विकेट हैं और उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 9 रन देकर 2 विकेट रहा है।
युवराज ने भारत के लिए 58 टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में 28.02 की औसत से 1177 रन बनाए हैं, जिसमें 8 अर्धशतक शामिल हैं। इस दौरान उनका सर्वोच्च स्कोर नाबाद 77 रन रहा। टी-20 में युवराज सिंह के नाम 28 विकेट हैं और उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 17 रन देकर 3 विकेट रहा है।