हाईकोर्ट की सख्ती के बाद शिक्षा विभाग ने 17 वर्ष बाद विधवा को 11,55,474 रुपये का भुगतान किया। इसके बाद हाईकोर्ट ने अवमानना याचिका को निस्तारित कर दिया। न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई।
मामले के अनुसार ग्राम बानना भीमताल निवासी देवकी देवी (72 वर्ष) ने हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर कर कहा था कि उसके पति भूपाल दत्त शिक्षा विभाग में चतुर्थ श्रेणी के पद से संतोष जनक सेवा करने के बाद जिला बेसिक शिक्षा के अंतर्गत जूनियर हाईस्कूल देवस्थल पिनरों विकासखंड से मई 2003 से सेवानिवृत्त हुए थे। याचिका में कहा कि उसके पति की पेंशन का भुगतान नहीं किया गया था। इसी बीच उसके पति की मृत्यु 9 सितम्बर, 2016 को हो गई। उसके बाद कोर्ट ने 2017 में आदेश पारित कर समस्त देयकों का भुगतान करने के निर्देश दिए।
शिक्षा विभाग ने इस आदेश को स्पेशल अपील के माध्यम से चुनौती दी। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया था कि सुप्रीम कोर्ट ने दान सिंह बनाम सरकार के निर्णय में समस्त पेंशन लाभ देने के निर्देश दिए थे। सभी पक्षों की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट की एकलपीठ की सख्ती के बाद शिक्षा विभाग ने विधवा याचिकाकर्ता को 11,55,474 रुपये का भुगतान किया। देवकी देवी का कहना है कि उसे इतने वर्षों बाद न्याय मिला है। उसे न्याय व्यवस्था पर पूरा भरोसा था।