आबकारी विभाग प्रदेश के तीन जिलों में पूर्ण शराबबंदी के हाईकोर्ट के निर्देशों को अब सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए विभाग में तैयारियां चल रही है। माना जा रहा है कि पर्यटन और राजस्व का हवाला देते हुए विभाग सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगा।
बताते चले कि प्रदेश में बीते वर्ष दिसंबर में उत्तराखंड हाईकोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए प्रदेश के उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग और चमोली जिलों में पूरी तरह से शराबबंदी करने का फैसला दिया था। दरअसल, प्रदेश में हरिद्वार नगर क्षेत्र में पहले से ही शराबबंदी लागू है। इसके अलावा चारधाम के मुख्य मार्गों पर शराब की दुकानें प्रतिबंधित हैं।
प्रदेश में हाईकोर्ट ने जिन तीन जिलों में शराब को पूर्ण रूप से प्रतिबंध करने के निर्देश दिए, वहां विभाग के 42 शराब के ठेके हैं। इन ठेकों से विभाग को सालाना 80 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व प्राप्त होता है। दरअसल, इन तीन जिलों में चारधाम, यानी यमुनोत्री, गंगोत्री, बदरीनाथ व केदारनाथ स्थित हैं। इसके अलावा इन जिलों में कई पर्यटक व धार्मिक पर्यटन स्थल भी हैं। पर्यटकों से भी राजस्व विभाग को आय होती है।
प्रदेश में अप्रैल से नए ठेके खुलने हैं और इसके लिए विभाग तैयारियों में जुट गया है। सुप्रीम कोर्ट के एक निर्णय के तहत विभाग को पहले ही राष्ट्रीय राजमार्गों से ठेके पीछे सरकाने हैं। इससे भी विभाग राजस्व नुकसान की आशंका जता रहा है। हाईकोर्ट के इस फैसले से राज्य को बड़े राजस्व की हानि हो रही है। विभाग ने इसको देखते हुए उक्त कदम उठाने की तैयारी कर रहा है।