दूरस्थ शिक्षा के जरिए एनआईओएस यानी राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय शिक्षा संस्थान से द्विवर्षीय डीएलएड करने वाले अभ्यर्थियों को उत्तराखंड हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिल गई है। न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी की एकलपीठ ने इस संबंध में राज्य सरकार के 10 फरवरी के शासनादेश पर फिलहाल रोक लगा दी है। इसके बाद राज्य में करीब 37 हजार एनआईओएस-डीएलएड अभ्यर्थी राजकीय प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक के पदों की नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल हो सकेंगे।
उल्लेखनीय है कि नैनीताल निवासी एनआईओएस-डीएलएड संघ के प्रदेश अध्यक्ष नंदन सिंह बोहरा व अन्य ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि उन्होंने दूरस्थ शिक्षा माध्यम से डीएलएड किया है, और केंद्र सरकार के शासनादेश के तहत राजकीय प्राथमिक विद्यालय के सहायक अध्यापक पदों की विज्ञप्ति में जारी पदों पर नियुक्ति के लिए आवेदन किया है। मगर सरकार ने केंद्र सरकार के आदेश को दरकिनार कर दस फरवरी को जारी शासनादेश में एनआईओएस से डीएलएड अभ्यर्थियों को नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल करने पर रोक लगा दी है। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कहा कि केंद्र सरकार ने पिछले साल 16 दिसंबर 2020 को और राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद ने छह जनवरी 2021 को जारी आदेशों में दूरस्थ शिक्षा से डीएलएड अभ्यर्थियों को नियमित डीएलएड अभ्यर्थियों के समान माना गया है। मामले को सुनने के बाद एकलपीठ ने प्रदेश सरकार के शासनादेश पर फिलहाल रोक लगा दी।