(नैनीताल) उत्तराखंड हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिया है कि वह जिन जिला चिकित्सालयों में आईसीयू की स्थापना की जानी है, उनमें 19 मई से पूर्व इन्हें स्थापित करके चालू कर दे।
अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली द्वारा दायर जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए आज हाईकोर्ट में राज्य सरकार ने बताया कि न्यायालय के पूर्व के आदेश के अनुसार नैनीताल के बीडी पांडे जिला चिकित्सालय में आईसीयू की सुविधा प्रारंभ कर दी गई है। अन्य अस्पतालों में जहां आईसीयू की स्थापना होनी है, जल्द ही प्रारंभ कर दी जाएगी। इस पर उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को आदेश दिया है कि वह 19 मई से पूर्व अन्य सभी जिला चिकित्सालय में जहां आईसीयू की स्थापना होनी है, आईसीयू स्थापित करके उन्हें संचालित कर दे।
इसके साथ ही न्यायालय ने एम्स ऋषिकेश के सामने दैनिक गतिविधियों के संचालन में आ रही दिक्कतों को देखते हुए राज्य सरकार को आदेश दिया है कि वह जिलाधिकारी देहरादून के माध्यम से एम्स ऋषिकेश की किसी भी जरूरत और एम्स प्रबंधन की शिकायतों का त्वरित समाधान करे। मामले की अगली सुनवाई 19 मई को होगी। न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया व न्यायमूर्ति रवींद्र मैठानी की खंडपीठ में मामले की सुनवाई हुई।
वहीं, मंगलवार को मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉफ्रेंसिंग के जरिये प्रदेश के 8 जिलों और देहरादून के दून मेडिकल कॉलेज में 73 आईसीयू, 46 वेण्टीलेटर औऱ 21 बाईपैप मशीनों का लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिये स्वास्थ्य विभाग द्वारा किये जा रहे प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि “2017 में राज्य में जहां केवल 3 मेडिकल कालेजों में 62 आईसीयू, 37 वेण्टीलेटर और 4 बाईपैप मशीनें ही थीं। जबकि आज 251 आईसीयू, 113 वेण्टीलेटर और 33 बाईपैप मशीनें स्थापित की जा चुकी हैं।”
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि आगामी चार माह में राज्य में आईसीयू बैड्स की संख्या 525, वेण्टीलेटर की संख्या 363 और बाईपैप मशीनों की संख्या 52 किये जाने की योजना को धरातल पर लाने के लिये विशेष प्रयास किये जाएं।