हाई कोर्ट ने ईजी जेल से पूछा, जेल में ड्रग्स की सप्लाई कहां से हो रही, इसे गंभीरता से लें

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हाई कोर्ट ने हल्द्वानी जेल में 44 कैदियों के एचआईवी पॉजिटिव की देखरेख और उनके ट्रीटमेंट को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद राज्य सरकार सहित आईजी जेल को चार सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही कोर्ट ने निर्देश दिए हैं कि एचआईवी संक्रमित कैदियों को अलग से रखा जाए और उन पर विशेष निगरानी रखते हुए उनकी देख रेख की जाए।

कोर्ट ने आईजी जेल से यह भी पूछा है कि जेल में ड्रग्स की सप्लाई कहां से हो रही है, इसे गंभीरता से ले। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 28 जून की तिथि नियत की है।

मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी एवं न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। मामले के अनुसार समाधान एनजीओ कृष्णा विहार देहरादून ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि नैनीताल की हल्द्वानी जेल में 44 कैदी एचआईवी पॉजिटिव मिले है जिन्हें उचित देखभाल की आवश्यकता है। समाधान संस्था का यह भी कहना था कि इन कैदियों को अन्य कैदियों से अलग रखा जाए और इनका स्वास्थ्य परीक्षण कराकर इनके उचित इलाज की व्यवस्था की जाने के साथ ही सभी एचआईवी पॉजिटिव कैदियों के स्वास्थ्य पर विशेष नजर रखी जाए।

जनहित याचिका में यह भी कहा गया कि कैदियों को बंदी गृह में लाने से पहले उनकी एचआईवी की जांच की जाए जिससे की अन्य कैदियों को संक्रमण न फैले। याचिका में कहा कि जेल में ड्रग्स की सप्लाई करने वालों पर कड़ी नजर रखी जाए।