नैनीताल हाईकोट में पायलट बाबा की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित

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हाईकोर्ट

देहरादून/नैनीताल, नैनीताल हाईकोर्ट ने मंगलवार को धोखाधड़ी के मामले में जेल में बंद पायलट बाबा की जमानत याचिका पर सुनवाई की। न्यायालय ने पायलट बाबा के मामले में सुनवाई पूरी करते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया है।

हल्द्वानी में गौजाजाली के रहने वाले हरीश पाल ने ज्योलिकोट थाने में 25 नवम्बर 2008 को एक प्राथमिकी दर्ज कर कहा था कि आइकवा इंटरनेशनल एजुकेशन ने तल्ला गेठिया में कंप्यूटर सेंटर संचालन के लिए उनको करीब 50 हजार रुपये देने का आश्वासन हिमांशु राय, पायलट बाबा, इशरत खान व अन्य ने दिया था। यह मामला जिला एवं सत्र न्यायाधीश नैनीताल की कोर्ट ने पहुंचा था और कोर्ट ने पायलट बाबा को जेल भेज दिया था।

पायलट बाबा ने हाईकोर्ट में जमानत प्रार्थना पत्र दायर किया था। जमानत याचिका में कहा था कि वह 6 दिसम्बर 2006 से 4 जनवरी 2007 तक टोकियो में थे। हिमांशु राय ने उनकी सोसायटी के पंजीकरण करने के लिए 19 दिसम्बर 2006 को फार्म खरीदा था और 20 दिसम्बर को उनके फर्जी हस्ताक्षर करके 22 दिसम्बर 2006 को सोसायटी का पंजीकरण करा दिया गया।

वर्ष 2010 में रजिस्ट्रार चिट फंड सोसायटी में इसकी शिकायत की गई। जब उनको 2010 में इसका पता चला तो उन्होंने रजिस्ट्रार चिट फंड सोसायटी में इसकी शिकायत की,जिस पर रजिस्ट्रार ने 24 सितम्बर 2010 हिमांशु राय के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश एसएचओ मुखानी को दिया लेकिन इस पर एसएचओ द्वारा आगे कोई कार्रवाई नहीं की गई।