उत्तराखंड हाई कोर्ट ने वनाग्नि पर कठोर रुख अख्तियार करते हुए कहा कि अगर जंगल में लगी आग 24 घंटों में नहीं बुझती है तो क्षेत्रीय डी.एफ.ओ.को निलंबित समझा जाए, अगर आग 48 घंटे में नहीं बुझती है तो कन्ज़रवेटर को निलंबित और अगर 72 घण्टे में भी नहीं बुझती है तो प्रधान मुख्य वन्य संरक्षक को निलंबित समझकर उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाए। ग़ौरतलब गैस कि राज्य में जंगलों मे हर साल आग लगती है जिससे करोड़ों की वन संपत्ति का नुक़सान होता है। राज्य में जंगलों में आग प्राकृतिक और जानबूझकर भी लगाई जाती है। लेकिन सरकारी और विभाग की लचरता के कारण ये की बार बेक़ाबू हो जाती है। पिछले साल ही लगी आग को काबू करने कोल लिये प्रशासन को खासी मेहनत करना पड़ी थी। ऐसे में कोर्ट का ये आदेश सरकार और ख़ासतौर पर वन विभाग के अधिकारियों के लिये परेशानी का सबब बन सकता है।
वरिष्ठ न्यायाधीश राजीव शर्मा और न्यायमूर्ति आलोक सिंह की खंडपीठ ने केंद्र सरकार से कॉर्बेट व् दूसरे राष्ट्रिय पार्क समेत सेंचुरी के 10 किलोमीटर के दायरे को ईको सेंसटिव ज़ोन घोषित करने को कहा है।
हाई कोर्ट ने एक जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए राज्य में बाघ और तेंदुओं को वन विभाग द्वारा आदमखोर घोषित करने और मारने पर रोक लगा दी है। हाईकोर्ट ने मृत बाघों की फ़ोटो और वीडियो बनाने पर भी रोक लगा दी है।
न्यायालय ने राजाजी और कॉर्बेट नैश्नल पार्क में ट्रेन से कटकर और बिजली के खम्बों में करेंट लगने से हो रही हाथियों की मौत पर कहा कि रेलवे विभाग पार्क के अंदर ट्रेन की स्पीड 30 किलोमीटर प्रति घंटा करे और खम्बों के चारों तरफ सुरक्षा गड्ढे खुदवाए तांकि हाथियों की असमय मौत नहीं हो ।
हाईकोर्ट की खंडपीठ ने केन्द्र व राज्य को दिये ये अहम निर्देश
· 6 माह में केंद्र बनाये राष्ट्रीय वन पॉलिस, पॉलिसी में संयुक्त राष्ट्र की गाइडलाइन्स का हो पालन
· शिकारियों को उम्रकैद तक की सजा का हो प्रावधान, संशोधित हो नियमावली
· मई, जून, जुलाई में एसडीआरएफ व एनडीआरएफ की हो तैनाती
· राजाजी नेशनल पार्क के वन्य जीवों के मामले में रेलवे को निर्देश
· खतरा बने वन्य जीव के बारे में हाईपॉवर कमेटी लेगी फैसला
· प्रमुख सचिव वन की अध्यक्षता में बनेगी कमेटी
· राज्य सरकार एफआरआई हेड की अध्यक्षता में बनाये कमेटी
· अगले वित्तीय वर्ष में आग से बचाव के लिए पर्याप्त बजट जारी हो
· आग लगने की सूचना के लिये प्री वार्निंग सिस्टम विकसित करे राज्य सरकार
अन्त में न्यायालय ने राज्य सरकार को निर्देश जारी करते हुए कहा कि एक नीति बनाकर कृषकों के खेतों में आग से नुक्सान की भरपाई के लिए मुआवजे और हर्जाना छह माह में दें।