गंगा घाटों पर हाईकोर्ट के आदेश का नहीं दिख रहा असर

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सीवर
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हरिद्वार। नैनीताल हाई कोर्ट के आदेश हरिद्वार निगम प्रशासन पालन कराने में नाकाम साबित हो रहा है। हाई कोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हरिद्वार के गंगा घाटों पर फैली गंदगी को लेकर कड़ी नाराजगी जाहिर की थी। साथ ही हरिद्वार नगर निगम को 48 घंटे के भीतर सभी घाटों की सफाई करने के निर्देश दिए थे, लेकिन आदेश के 72 घंटे बाद भी निगम प्रशासन सुस्त बना हुआ है।
गंगा घाटों पर फैली गंदगी को लेकर हरिद्वार के अधिवक्ता ललित मिगलानी ने नैनीताल हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। 31 अगस्त को नैनीताल हाई कोर्ट ने हरिद्वार में गंगा घाटों पर फैली गंदगी को लेकर कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए हरिद्वार नगर निगम को 48 घंटे के अंदर सभी घाटों की सफाई करने के निर्देश दिए थे, लेकिन हाईकोर्ट के आदेश को भी निगम ने ताक पर रख दिया है।
नैनीताल हाई कोर्ट ने जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हरिद्वार नगर निगम को गंगा घाटों की सफाई कराने के आदेश दिए थे, लेकिन हरिद्वार नगर निगम ने हाई कोर्ट के आदेशों की धज्जियां उड़ा दीं। उच्च न्यायालय ने हरिद्वार एसएसपी को गंगा के घाटों पर ड्रग्स समेत मादक पदार्थों की बिक्री पर पूर्ण रूप से रोक लगाए जाने का भी आदेश दिया थे। आदेश को लागू कराने के लिए 1 दारोगा के नेतृत्व में 11 कॉन्स्टेबल की तैनाती करने को भी कहा गया था। हाई कोर्ट के इस निर्देश के 72 घंटे बीत जाने के बाद भी हालात जस के तस बने हुए हैं। गंगा घाटों की सफाई को लेकर कुछ खास काम नहीं किया है। हरिद्वार के प्रमुख घाट हरकी पैड़ी और मालवीय घाट पर पहले के मुकाबले गंदगी कम दिखी, लेकिन अभी भी जहां-तहां कूड़े के ढेर देखने को मिले।दूसरी तरफ गंगा घाटों के आसपास मादक पदार्थों की बिक्री को भी नहीं रोका गया है।