नैनीताल से विराट हिमालय के दर्शन में भी वायु प्रदूषण व नमी की बाधा आड़े आ रही है। अक्टूबर बीतने को है और धुंध के आवरण से नैनीताल समेत ऊंचाई वाले इलाकों से हिमालय की आभा आंखों से ओझल है। नैनीताल की मनोहारी सुंदरता के साथ हिमालय दर्शन यहां के पर्यटन का मुख्य आकर्षण रहा है। यहां चार स्थान हैं, जहां से हिमालय नजर आता है। मानसून थमने के बाद अमूमन सितंबर के अंत से हिमालय साफ चांदी की तरह चमकता नजर आने लगता है और अक्टूबर शुरू होते ही इसकी चमक में चार चांद लग जाते हैं। इसे निहारने के लिए इस दौरान देसी- विदेशी सैलानी यहां पहुंचते हैं। परंतु इस बार हिमालय की चमक धुंधला गई है।
दशहरे से हिमालय दिखना शुरू तो हुआ, लेकिन उसकी चमक में अभी तक निखार नहीं आ पाया है। सुबह सूर्य की किरणें हिमालय की चोटियों पर पड़ते ही, जो लालिमा नजर आती थी, वह नदारद है। स्थानीय लोग इसके पीछे काफी हद तक वायु प्रदूषण को जिम्मेदार ठहराते हैं।
यहां से नजर आने वाली चोटियों में सबसे उंची चोटी नंदा देवी की है। यह समुद्रतल से 6611 मीटर उंचाई पर स्थित है। चौखंबा, पंचाचूली, त्रिशूल, छोटी नंदा देवी व नंदा घुटी प्रमुख हैं। जिन्हें स्नोव्यू, नयनापीक, टीफिनटॉप व हिमालय दर्शन से देखा जा सकता है।
आर्यभटट् प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान एरीज के वायुमंडीय वैज्ञानिक डॉ. नरेंद्र सिंह का कहना है कि मानसून के अंतिम चरण में हुई बारिश के कारण हिमालय के वातावरण में नमी बरकरार है। इस कारण हिमालय स्पष्ट नजर नहीं आ रहा है। यह नमी ज्यादा दिन तक नहीं रहेगी। ड्राई होते ही चमक भी नजर आनी शुरू हो जाएगी।