तीरथ ने पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का गैरसैंण कमिश्नरी पर फैसला पलटा

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उत्तराखंड

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने गैरसैंण कमिश्नरी को लेकर सरकार का रुख स्पष्ट करते हुए कहा है कि कमिश्नरी गठन पर रोक रहेगी। सरकार जनता की नब्ज महसूस करके ही कोई कदम उठाएगी। कोरोना से संक्रमित होने की वजह से सीएम तीरथ सिंह रावत शुक्रवार को दून में वर्चुअल माध्यम से पत्रकारों से रूबरू हुए। यह पूछे जाने पर गैरसैंण कमिश्नरी को लेकर राज्य सरकार का क्या रुख है? इस पर सीएम ने कहा कि, जनभावनाएं जो कहेंगी, यहां वही होगा। इसी वजह से राज्य सरकार ने कमिश्नरी के गठन को पास नहीं किया है और नोटिफिकेशन पर भी रोक लगाई गई है।

बता दें कि सीएम की कमान संभालते ही तीरथ सिंह रावत ने पहले ही साफ कर दिया था कि गैरसैंण कमिश्नरी पर सरकार पुनर्विचार करेगी। यह पूछे जाने पर कि, कमिश्नरी में अल्मोड़ा जिला शामिल करने के विरोध में आंदोलन चल रहा है। सीएम ने कहा, विधानसभा चुनाव नजदीक हैं तो कुछ लोग आंदोलन करेंगे ही। सरकार जनता की आवाज पर काम करेगी। इसमें कोई भ्रम वाली बात नहीं। इसके बाद भी कोई आंदोलन करता है तो क्या कर सकते हैं।

त्रिवेंद्र ने चार जिले किए थे शामिल:

गौरतलब है कि चार मार्च को तत्कालीन सीएम त्रिवेंद्र रावत ने गैरसैंण को कमिश्नरी बनाने का ऐलान कर चमोली, रुद्रप्रयाग, अल्मोड़ा, बागेश्वर को शामिल किया था। मगर, इसके बाद कमिश्नरी में अल्मोड़ा को शामिल करने का विरोध शुरू हो गया था। उत्तराखंड में नेतृत्व परिवर्तन की एक वजह यह फैसला भी माना गया।

हर विभाग से फीडबैक ले रही सरकार: 

सीएम तीरथ सिंह रावत ने कहा कि, सरकार उत्तराखंड में स्वास्थ्य, शिक्षा, यातायात, पेयजल जैसी सुविधाओं की बेहतरी के साथ ही, पलायन पर कैसे रोक लगाई जाए? इस दिशा में भी काम कर रही है। नई संभावनाएं तलाशने के लिए हर विभाग से फीडबैक लिया जा रहा है।

गैरसैंण जिला बनाने पर समय आने पर विचार:

यह पूछे जाने पर कि, सरकार के कई मंत्री गैरसैंण कमिश्नरी की बजाय जिला बनाने की वकालत कर रहे हैं, सीएम बोले, वे मंत्रियों की भावनाओं से सहमत हैं, लेकिन जब समय आएगा तो जरूर विचार करेंगे। काबिलेगौर है कि, कांग्रेस-उक्रांद समेत कई संगठन गैरसैंण को जिला बनाने की मांग उठा रहे हैं।