कुमाऊं में शहद के प्रोडक्शन पर मौसम की मार

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कुमाऊं में शहद की प्रोडक्शन को मौसम की मार से खासा नुकसान हुआ है। खराब मौसम के चलते, शहद की पैदावार लगभग 30-40 प्रतिशत तक घट गई है। फरवरी से मार्च के बीच  तापमान के घटने बढ़ने से शहद का व्यापार करने वालो को खासा नुकसान सहना पड़ा है,  मधुमक्खियों की जनसंख्या में गिरावट की वजह से भी शहद के बिजनेस को नुकसान हुआ है।

इसका छोटा मोटा नुकसान नहीं, बल्कि धारचूला ब्लाॅक में लगभग 600 परिवार सिरखा, सिरधांग ,गरुआह, जानकु और बलुआकोट गांव के रहने वाले हैं। एचसी दुबालिया,जिला हार्टिकल्चर डिर्पाटमेंट ने बताया, एक औसत के आधार पर हम लगभग 700 क्विंटल शहद हर साल पैदा करते हैं,जिससे लगभग 3.5 करोड़ का बिजनेस होता है। उन्होंने बताया कि शहद उत्पादन के लिये सबसे जरुरी है मधुमक्खियो के लिए मीठे रस वाले बागीचे जो कि मौसम की मार झेल रहे है।

स्प्रींग सीजन फरवरी और मार्च मधुमक्खियों का ब्रिडिंग सीजन होता है जिसमें उनको पौलन और नेक्टर दोनों की जरुरत होती है।ना बादल बरसात और बे समय आने वाली आंधी ने फूलों को काफी नुकसान पहुंचाया है जिससे शहद के व्यापार पर भी फर्क पड़ेगा ।