उत्तराखंड के उद्यान विभाग को मिला फल-पौध रोपण में वर्ल्ड वाइड बुक ऑफ रिकार्ड सम्मान

0
341
ट्यूलिप
FILE

उद्यान और खाद्य प्रसंस्करण विभाग के अधीन राजकीय पौधालय, नगऊ (चकराता), देहरादून को फल-पौध रोपण का विश्व रिकॉर्ड बनाया है। इसके लिए तत्कालीन उद्यान प्रभारी, किरणपाल सिंह को वर्ल्ड वाइड बुक ऑफ रिकार्ड का सम्मान मिला। इसके लिए कृषि मंत्री ने भी किरणपाल सिंह और उनके सहयोगी कर्मियों को सम्मानित किया है।

निदेशक, उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण, उत्तराखंड डा. हरमिन्दर सिंह बवेजा ने मंगलवार को बताया कि उद्यान प्रभारी किरणपाल के कार्यकाल के दौरान 13.00 हेक्टेयर क्षेत्रफल में एक स्थान पर 21 दिन की समय-सीमा के अन्तर्गत कुल 16951 (11661 सेब के क्लोनल रूट स्टॉक, 1100 आडू, 1200 प्लम, 1050 कीवी, 590 चेरी, 1100 खुबानी एवं 250 अखरोट ग्राफ्टेड) फल-पौध रोपण किया गया था। इसके परिणाम स्वरूप यह बड़ा सम्मान दिया गया।

निदेशक, उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण डा. हरमिन्दर ने बताया कि उद्यान विभाग के अन्तर्गत संचालित किए जा रहे राजकीय उद्यान, नगऊ (चकराता), देहरादून का उनके द्वारा किये गये निरीक्षण के उपरान्त उक्त पौधालय में उच्च गुणवत्तायुक्त नवीनतम प्रजातियों के मातृ वृक्ष ब्लॉक तैयार करने के लिए फल-पौधों के रोपण की योजना विभाग ने प्रदेश के उद्यानपतियों को उच्च गुणवत्तायुक्त पौध रोपण सामग्री उपलब्ध कराने और सेब की फल-पौधों के रोपण, रख-रखाव व उत्पादन सम्बंधी तकनीकी का सजीव प्रदर्शन किए जाने को उनके निर्देशानुसार बनाई गई थी।

उन्होंने बताया कि योजनान्तर्गत राजकीय उद्यान, नगऊ में सेब की विभिन्न नवीनतम प्रजातियों का रोपण 2460 मीटर सोलर फेंसिंग एवं 13.00 हेक्टेयर क्षेत्रफल में सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली की स्थापना के साथ-साथ किया गया है, जिससे पौधों को जंगली जानवरों से सुरक्षा एवं उनकी आवश्यकतानुसार सिंचाई और आवश्यक पोषक तत्व उपलब्ध कराते हुए उच्च गुणवत्तायुक्त अधिकाधिक उत्पादन प्राप्त किया जा सके। इसके साथ ही उद्यान में संचालित किए जा रहे कार्यों का प्रदेश के उद्यानपति उद्यानों का भ्रमण कर सजीव प्रदर्शन से लाभान्वित हो सकें। सन्दर्भित पौधे जम्मू-कश्मीर के प्रतिष्ठित पौधालय मैसर्स ग्रीन नर्सरी ने आपूर्ति किये हैं।

उन्होंने बताया कि उद्यान प्रभारी किरणपाल सिंह उद्यान एवं तत्कालीन मुख्य उद्यान अधिकारी, एमपी शाही से नियमित अंतराल पर दूरभाष के माध्यम से निरंतर चर्चा के दौरान यह कार्य हुआ है। उक्त कार्य को मान्यता वर्ल्ड वाइड बुक ऑफ रिकार्ड देकर विश्व रिकॉर्ड के रूप में प्रमाण पत्र दिया गया है। उन्होंने ने कहा कि कृषि मन्त्री गणेश जोशी के राजकीय आवास पर विभागीय कर्मियों को कृषि मन्त्री ने सम्मानित किया है।