19 साल के लेखन के अनुभव के साथ प्राची रतूड़ी मिश्रा ने अपनी दूसरी किताब ‘आई डिड इट’ टाईम्स ग्रुप बुक्स के बैनर तले प्रकाशित की है। यह किताब 18 लोगों के जीवन की कहानी है जिन्होंने साधारण परिवेश से निकल कर आज अपने हौसले और परिश्रम से अपने लिये एक ऊंचा मुकाम हासिल किया है।
इस किताब के बारें में प्राची बताती हैं कि, “हर एक क्षेत्र से जुड़े हुए उन लोगों की कहानियां हैं जिन्होंने परिस्थितियों से समझौता ना कर अपनी लड़ी लड़ने का हौसला दिखाया। हम में से शायद ही कोई यह जानता होगा कि मशहूर अदाकार जॉनी लीवर ने अपना पहला रुपया ढ़ाबे में चटनी पिस कर कमाया है, या आज विश्व प्रसिद्ध कोरियोग्राफर रेमो डिसूजा कभी रोजी रोटी के लिए बर्तन मांजते थे। इसके अलावा कल्पना सरोज एक बालवधू होने के बावजूद एक सफल बिजनेस वूमेन हैं।”
लेखक रस्किन बॉंड जिन्होंने कम उम्र में लेखन जगत में अपना नाम कमाया लेकिन उस नाम के पीछे उनका संर्घष और परिश्रम की कहानी शायद ही कोई जानता हो। कैप्टन गोपीनाथ आज अासमान की उचाईयाँ छू रहे हैं, लेकिन किशोर अवस्था तक उनके पास जूते खरीदने के लिए भी पैसे नहीं थे। ‘आई डिड ईट,’ प्राची की मेहनत, लगन और रिर्सच का परिणाम है। इस किताब में शब्दों के साथ तस्वीरें इसे और भी मनोरंजक बना देती हैं।
106 पन्नों की यह किताब सभी के लिए एक आशा की किरण है और सबको प्ररेति करती है हौसले और कठिन परिश्रम से अपनी मंजिल पाने के लियें।