भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की के शोधकर्ताओं ने एक स्वस्थ गर्भ स्मार्टफोन एप बनाया है, जो गर्भवती महिलाओं को प्रसव से पूर्व और रियल टाइम चिकित्सा सहायता सुनिश्चित करेगा।
यह ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं और उन लोगों के लिए बहुत उपयोगी एप है, जिन्हें आसानी से डॉक्टर उपलब्ध नहीं होते। गर्भावस्था के लिए यह पहला एप है जो रियल टाइम डॉक्टर की सलाह सुनिश्चित करता है। यह क्लिनीकली प्रमाणित होने के साथ-साथ विश्वसनीय भी है।
यह एप अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एआईआईएमएस), नई दिल्ली की मदद से तैयार किया गया है। यह गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध है और इसका लाभ मरीज और डॉक्टर दोनों निःशुल्क प्राप्त कर सकते हैं।
आईआईटी रुड़की के निदेशक प्रोफेसर केके पंत ने शोधकर्ताओं को बधाई देते हुए कहा कि कोविड-19 महामारी आने के बाद स्वास्थ्य सेवा में टेलीमेडिसिन का महत्व बढ़ गया है। आज पूरी दुनिया में एक अरब से अधिक लोग स्मार्टफोन इस्तेमाल करते हैं। इसमें चिकित्सा जगत को बदलने और बेहतर स्वास्थ्य सेवा देने की असीम संभावना है।
गर्भावस्था में एप्स का उपयोग अन्य किसी चिकित्सा से अधिक होता है लेकिन ये एप केवल गर्भावस्था से संबंधित जानकारी देते हैं। इनमें चिकित्सकों की भागीदारी की कमी होती है। इसलिए आईआईटी रुड़की में बायो साइंसेस और बायो इंजीनियरिंग विभाग के साहिल शर्मा और प्रो. दीपक शर्मा ने एम्स, दिल्ली की प्रो. वत्सला डधवाल और प्रो. अपर्णा शर्मा के सहयोग से ‘स्वस्थ गर्भ’ एप तैयार किया है। यह प्रसवपूर्व देखभाल सुनिश्चित करने वाला इंटरैक्टिव प्लेटफार्म है जिसमें सभी पहलुओं को शामिल किया गया है और मरीज को केंद्र में रखा गया है। यह एप गर्भवती महिलाओं के लिए जरूरी सभी सहायता सुनिश्चित करता है।
शोध के बारे में विस्तार से बताते हुए आईआईटी रुड़की में बायोसाइंसेस और बायो इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर दीपक शर्मा ने कहा कि नवजात मृत्यु दर का अधिक होना गंभीर चिंता की बात है। इसके मद्देनजर विकसित स्वस्थ गर्भ मोबाइल एप सभी गर्भवती महिलाओं को रियल टाइम चिकित्सा सहायता देगा और गर्भावस्था में मां-शिशु स्वास्थ्य की स्थिति में सुधार करेगा।
ऐप की उपयोगिता को लेकर 150 रोगियों के क्लिनीकल आकलन से यह स्पष्ट है कि इससे प्रसव पूर्व देखभाल की गुणवत्ता बढ़ी है और इस दौरान समस्याएं कम हुई हैं।