यम्केश्वर ब्लॉक के मराल गांव को आईआईटी दिल्ली के छात्रों ने लिया गोद

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ऋषिकेश, पौड़ी जिले के मराल गांव की एक बेटी निरूपमा द्वारा एक अच्छी पहल शुरू की जा रही है। आई आई टी दिल्ली में पढ़ रही इस गांव की बेटी ने आई आई टी दिल्ली के छात्र-छात्रों की मदद से ऋषिकेश के पौड़ी जिले के यम्केश्वर ब्लॉक के मराल गांव को गोद लेने का फैसला लिया। जिसके बाद आई आई टी छात्रों द्वारा गांव में 4 विषय पर काम किया जाएगा। जिसमे शिक्षा , स्वयंरोजगार , पर्यवरण ओर कृषि पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। आई आई टी दिल्ली के छात्रों द्वारा गांव में मेडिकल प्लांट्स गांव में लगाये जायेंगे और साथ ही कुछ ऐसे प्लांट्स लगाए जाएंगे जिस से छोटी मोटी बीमारियों का इलाज आसानी से हो जाए। वही कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पहुचे एडीजी उत्तराखण्ड अशोक कुमार का कहना था की आई आई टी छात्रों द्वारा ये अच्छी पहल है इससे यहां के लोगो को रोजगार के साथ साथ शिक्षा भी मिलेगी और जिस तरह से पहाड़ो से पलायन हो रहा है वो भी कम होंगे। और उत्तराखंड के खाली होते हुए गांव फिर से आबाद होने लगेंगे।

दिल्ली आईआईटी से पीएचडी कर रही गीतांजली का कहना है कि “यमकेश्वर विधानसभा में नीलकंठ के पास स्थित मराल गांव को आईआईटी दिल्ली ने गोद लिया है और और यहां के छात्र अपने द्वारा बनाई गई नई टेक्नोलॉजी से इस गांव के लोगो को शिक्षा और विकास की पथ पर ले जाने का हर संभव प्रयास करेंगे। पहाड़ी क्षेत्र के गांवों को संवारने की जरूरत है। जिससे पहाड़ो से पलायन कर चुके लोग रिवर्स पलायन करेंगे, तभी गांवों का विकास होगा”

आईआईटी दिल्ली के पूर्व छात्रों का नीलकंठ के पास गांव मराल को गोद लेकर सुनियोजित ढंग से विकसित करने का फैसला किया है। निश्चित ही पहाड़ी गांव का कायाकल्प होगा। इससे यहां पर शिक्षा का स्तर भी बढ़ेगा। साथ ही पयालन को रोकने पर कारगर साबित होगा।

रविवार को यमकेश्वर ब्लॉक के मराल गांव में आयोजित कार्यक्रम में एडीजी अशोक कुमार ने कहा “पहाड़ों में पलायन बड़ी समस्या बनती जा रही है।इसके लिए शहरों में रह रहे गांव के शिक्षित निवासियों को गांवों की दशा सुधारने में आगे आने की जरूरत है। एडीजी ने कहा कि पहाड़ पर हो रहे विकास और गांव की महत्व को जानने के बाद पलायन हो चुके लोग रिवर्स पलायन करेंगे तभी गांव का उच्च विकास होगा। उन्होंने कहा कि आईआईटी दिल्ली के पूर्व छात्रों की पहल से गांव में आधुनिक तकनिकी से कृषि उत्पाद करने का प्रशिक्षण देना । रोजगार के लिए मेडिसन प्लांट जिसमे एलोवेरा लेमनग्रास नींबू सेव जैसे विभिन्न उत्पादो के पौधे लगाकर कर गांव के लोगो को रोजगार मुहैया कराई जाएगी । आईआईटी दिल्ली की पूर्व छात्रा डा. गीताजंलि ने कहा कि इससे ग्रामीणों को शिक्षा, साफ सफाई के माध्यम से आर्दश गांव बनेगा।  आईआईटी दिल्ली एलुमनाई एसोशिएसन की नोडल अधिकारी निरूपमा ने लोगों से इस मुहिम में सहयोग करने की अपील की।

इस मौके पर एडीजी पत्नी अलकनंदा, यमकेश्वर ब्लॉक प्रधान संगठन अध्यक्ष, दिनेश भट्ट ग्राम प्रधान मराल, आनंद सिंह पयाल, ग्राम प्रधान तोली रविंद्र नेगी, विधायक प्रतिनिधि विक्रम रौथाण, लक्ष्मणझूला थानाध्यक्ष प्रदीप कुमार राणा, उपिनिरीक्षक विकास भारद्वाज, शोभाराम रतूड़ी, नृपदेव सिंह, धन सिंह राणा, संदीप सिंह पयाल, राजेश पयाल, गीतांजली पयाल, संतोष आदि ग्रामीण शामिल थे।