भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) में शनिवार को अंतिम पग भरते ही 288 युवा जांबाज भारतीय थल सेना का हिस्सा बन गए। कुल 377 जेंटलमैन कैडेट्स पास आउट हुए। इनमें आठ मित्र देशों के 89 कैडेट्स शामिल हैं। दक्षिणी पश्चिमी कमान के जीओसी जनरल अमरदीप सिंह सलामी ने बतौर रिव्यूइंग आफिसर परेड की सलामी ली। पासिंग आउट परेड के मद्देनजर अकादमी के अंदर और बाहर सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद रही।
शनिवार सुबह छह बजकर 45 मिनट पर देहरादून स्थित आईएमए अकादमी के ऐतिहासिक चेटवुड भवन के सामने ड्रिल स्क्वायर पर मार्कर्स काल के साथ परेड की प्रक्रिया समादेशक अनील जोशी की देखरेख में प्रांरभ हुई। कंपनी सार्जेंट मेजर विवेक कुमार,प्रणव,आर्यन सिंह,हिमांशु कुमार,जयेंद्र सिंह व अनिकेत ने ड्रिल स्क्वायर पर अपनी-अपनी जगह ली। निरीक्षण अधिकारी दक्षिण पश्चिमी कमान के कमांडर (जनरल आफिसर कमांडिंग-इन-चीफ) लेफ्टिनेंट जनरल अमरदीप सिंह भिंडर परेड स्थल पर पहुंचे और परेड का निरीक्षण कर सलामी ली।
भारत विजय की धुन पर जेंटलमैन कैडेटों के सधे हुए कदम और जज्बा देखते ही बन रहा था। इस मौके पर सेना के चेतक हेलीकाप्टरों से कैडेटों पर आकाश से पुष्प से वर्षा की गई। इसके बाद युवा अफसरों ने भारतीय सैन्य अकादमी से धीमी गति से अंतिम पग पार कर विदा लिया। गौरवपूर्ण क्षण पर पर सेना के तीन हेलीकाप्टरों ने आसमान से तिरंगा फ्लैग किया। इस इस मौके पर अकादमी में देश-विदेश के लोग पहुंचे हुए थे।
आठ मित्र देशों के 89 युवा सैन्य अधिकारी अफगानिस्तान,भूटान, किर्गिस्तान, मालदीव, नेपाल, श्रीलंका, तजाकिस्तान व तंजानिया की सेना पास आउट हुए। ये अपने अपने देश में जाकर सेना का हिस्सा बनेंगे। पिछले साल अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जा करने के बाद यहां के कैडेटों को लेकर असमंजस बना हुआ है। तालिबान के सत्ता पर काबिज होने के बाद अफगान राष्ट्रीय सेना का अस्तित्व समाप्त हो गया है। अफगानिस्तान के कुल 43 कैडेट शामिल हैं।
राज्यवार कैडेटों की संख्या:-उत्तर प्रदेश 50,उत्तराखंड 33,बिहार28हरियाणा 25,महाराष्ट्र 22,पंजाब 21,राजस्थान 20,दिल्ली 15,हिमाचल प्रदेश 13,केरल 09,मध्य प्रदेश 08,तेलांगाना 06,जम्मू-कश्मीर 06,नेपाल(डोमिसाइल) 06,वेस्ट बंगाल 05,तमिलनाडू 05,कर्नाटक 04,ओडिशा 02,आंध्र प्रदेश 02,त्रिपुरा 02,अरुणाचल प्रदेश 01,असम 01,छत्तीसगढ़ 01,झारखंड 01,मणिपुर 01,सिक्किम से 01। जनसंख्या घनत्व के हिसाब से देखें तो उत्तराखंड देश को सबसे अधिक जांबाज देने वाले राज्यों में शुमार है। पासआउट होने वाले 288 भारतीय कैडेटों से करें तो इसमें राज्य के सहयोग का स्तर 33 कैडेटों के साथ करीब 11 प्रतिशत है।
आइएमए की 1932 में की गई थी स्थापनाः भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) उत्तराखंड के देहरादून जनपद में स्थित है। अंग्रेजों ने इस अकादमी की स्थापना एक अक्टूबर, 1932 में की थी। उस समय यहां से मात्र 40 कैडेट ही पासआउट हुए थे। इस सैन्य अकादमी से भारत ही नहीं, म्यांमार व पाकिस्तान के सेनाध्यक्ष भी पासआउट हुए हैं। सैन्य अकादमी में साल में दो बार यानी जून और दिसंबर में आयोजित पासिंग आउट परेड आयोजित की जाती है। इसके बाद शनिवार को सैन्य अकादमी के नाम देश-विदेश की सेना को 64,145 युवा सैन्य अधिकारी देने का गौरव जुड़ गया। इनमें मित्र देशों को मिले 2,813 सैन्य अधिकारी भी शामिल हैं।
पासिंग आउट परेड के मद्देनजर अकादमी के आसपास सुरक्षा का कड़ा पहरा रहा। परिसर में चप्पे-चप्पे पर सेना के सशस्त्र जवान तैनात रहें वहीं परिसर के बाहरी क्षेत्र में सुरक्षा का जिम्मा दून पुलिस के पास है। परेड के दौरान शनिवार सुबह पांच बजे से पूर्वाह्न 11 बजे तक पंडितवाड़ी से लेकर प्रेमनगर तक जीरो जोन है। इस दौरान राष्ट्रीय राजमार्ग-72 (चकराता रोड) से गुजरने वाला यातायात प्रेमनगर व बल्लूपुर से डायवर्ट है।