भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) से शनिवार 409 कैडेट्स पास आउट हो अधिकारी बन गये। देहरादून स्थित आईएमए परिसर में हुई भव्य परेड में 78 विदेशी कैडेट भी पास आउट होकर अपने अपने देश की सेनाओं में अधिकारी बने।
इस पासिंग आउट परेड की सलामी बांग्लादेशी सेना के प्रमुख जनरल अबू बिलाल मोहमम्द ने ली। परंपरा के अनुसार ऐतिहासिक चेटवुड हाॅल के प्रांगण में हुई पासिंग आउट परेड में 409 भारतीय कैडेटों के साथ साथ 8 मित्र देशों से आये 78 कैडेटस कोर्स पूरा कर के अधिकारी बन गये।
उत्तराखंड ने सेना से अपना पुराना और पारंपरिक रिश्ता बरकरार रखते हुए सेना को 38 अधिकारी दिये। देश के अन्य राज्यों की बात करें तो:
- यूपी के 76
- हरियाणा के 58
- बिहार 25
- महाराष्ट्र 24
- पंजाब 24
- राजस्थान 23
- दिल्ली 22
- मध्यप्रदेश 19
- हिमाचल 18
- कर्नाटक 15
- जम्मू कश्मीर 9
- आंध्र प्रदेश 6
- मणिपुर, प बंगाल, केरल के 6-6
- असम, तेलंगाना, झारखंड के 5-5
- छत्तीसगढ़ और उड़ीसा के 4-4
- चंडीगढ़,गुजरात और तमिलनाडु के 2-2
- मिज़ोरम और नागा लेंड का 1-1 कैडेट पास आउट हो रहे हैं।
आपको बता दें कि इस बार कुल 78 विदेशी केडेट पास आउट हुए हैं और इसमें सबसे ज्यादा 42 विदेशी केडेट अफगानिस्तान के हैं। 3 नेपाल के केडेट भी पास आउट हुए। आईएमए से अब तक कुल 60347 सैन्य अधिकारी पास आउट होकर देश को मिल चुके हैं। वहीं अब तक कुल 2106 विदेशी कैडेट भी पास आउट हो चुके हैं।
परेड की एकाग्रता और तालमेल देखते ही बन रही थी। इस परफेक्ट परेड ने इसकी तैयारी और कोर्स के दौरान कैडेटस के द्वारा की गई मेहनत और फौज के अनुशासित ज़िदगी को साफ दर्शाया।
जैसे ही कैडेट्स ने परेड पूरी कर “अंतिम पग” को पार किया वो कैडेटस से अधिकारी बन गये और ये सचमुच हर कैडेट के लिये यादगार लम्हा रहा। इस पल को कैमरों और अपनी यादों में कैद करने के लिये मीडिया और कैडेटस के परिवार के लोग मौजूद रहे।
तीन घंटे चली इस परेड के मुख्य आकर्षण रहा परेड निरीक्षण, स्वाॅर्ड आॅफ हाॅनर, पाईपिंग और ओथ टेकिंग सेरेमनी जो कि चेटवुड हाॅल के लाॅन मे हुई। इसके बाद सभी नये अधिकारियों के कदमों की ताल और साथ में “कदम कदम बढ़ाये जा” के संगीत से सारा आसमान खिल उठा और इसके साथ ही सेना को जिस जोश और जज़्बे के लिए जाना जाता है उसकी मिसाल पेश की। एक बार फिर भारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून ने भारतीय सेना को वीरों से वीर अधिकारी देने के अपने चलन को बरकरार रखा और ये साबित कर दिया कि आईएमए आज भी दुनिया के बेहतरीन सैनिक ट्रेनिंग इंस्टिट्यूटों मे से एक है।