उत्तराखंड के देहरादून स्थित भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) से 333 युवा अधिकारी पास आउट होकर शनिवार को भारतीय थल सेना में शामिल हो गए। आज सुबह आईएमए देहरादून में आयोजित पासिंग आउट परेड में 423 अधिकारियों ने हिस्सा लिया। इनमें 90 जेंटलमैन कैडेट्स नौ अलग-अलग मित्र देशों अफगानिस्तान, तजाकिस्तान, भूटान, मॉरीशस, मालद्वीव, फिजी, पपुआ न्यू गिनी, श्रीलंका व वियतनाम के हैं, जो अब वहां की सेना का अभिन्न अंग बन गए।
पहले की तरह ही इस बार भी उत्तर प्रदेश के सबसे ज्यादा 66 कैडेट पास आउट हुए जबकि हरियाणा 39 कैडेट्स के साथ दूसरे नम्बर पर है। उत्तराखंड के 31 कैडेट सेना में अधिकारी बने लेकिन उत्तराखंड-बिहार के साथ संयुक्त रूप से तीसरे नंबर पर है।
आज सुबह छह बजकर 42 मिनट पर शुरू हुई परेड की सबसे पहले डिप्टी कमांडेंट ने सलामी ली। इसके बाद ठीक सात बजकर पांच मिनट पर कमांडेंट लेफ्टिनेंट जनरल जयवीर सिंह नेगी ने परेड की सलामी ली। इसके बाद सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने रिव्यूइंग आफिसर के रूप में भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) में 423 युवा अधिकारियों की पासिंग आउट परेड का अवलोकन किया। सेना प्रमुख की मौजूदगी में चैटवुड हॉल के ड्रिल स्क्वायर पर कदमताल के बाद कैडेटों को भारतीय सेना की शपथ दिलाई गई। रिव्यूइंग ऑफिसर ने विजेताओं को पुरस्कार वितरित किए। फिर ये जांबाज अंतिम पग भरकर सेना में शामिल हो गए।
भारतीय सैन्य अकादमी के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ कि जब कैडेट्स ने अपने माता-पिता और रिश्तेदारों की गैरमौजूदगी में अंतिम पग भरा। परेड में कैडेट्स मास्क पहनकर कदमताल करते नज़र आये, जिसकी वजह से उनके चेहरे का उत्साह और उमंग का अंदाजा लगाना संभव नहीं हो पा रहा था। परेड के दौरान कैडेट्स के बीच सोशल डिस्टेंसिंग भी बनी रही।
कोरोना संक्रमण की वजह से इस बार पीओपी में आईएमए की ओर से किसी भी कैडेट्स के परिजनों को बुलावा नहीं भेजा गया था। इसीलिए कैडेट्स के परिजन परेड में शामिल नहीं हो सके। इसके साथ ही अबकी एक परम्परा और टूट रही है कि कैडेट्स इस बार छुट्टी में अपने घरों को लौटने के बजाय अपनी-अपनी कमान में रिपोर्ट करेंगे। नेपाल और भारत के बीच कुछ दिनों से चल रही तल्खी के बीच आईएमए से तीन नेपाली कैडेट भी पास आउट होकर भारतीय सेना में अधिकारी बने हैं। गौरतलब है कि भारतीय सेना की गोरखा रेजिमेंट में नेपाली नागरिकों को मौका दिया जाता है।
चीन सीमा पर हालात नियंत्रण में
भारतीय सैन्य अकादमी में आज पासिंग आउट परेड में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे सेना प्रमुख जनरल मुकुंद नरवणे ने मीडिया से कहा कि चीन के साथ हमारी सीमा पर हालात पूरी तरह नियंत्रण में हैं। कमांडर लेवल के साथ उचित स्तरों पर सकारात्मक बातचीत हो रही है। नेपाल सीमा विवाद पर उनका कहना है कि नेपाल हमारा अच्छा पड़ोसी है और उसके साथ जल्द सभी मुद्दों को सुलझा लिया जाएगा। जम्मू कश्मीर के बारे में उन्होंने कहा कि लोग अब आतंक का रास्ता छोड़ रहे हैं। सेना को यहां आतंकवादियों के खात्मे में कामयाबी मिल रही है।
लद्दाख के पैंगोंग त्सो झील, गवलन घाटी और डेमचोक पर भारतीय और चीनी सेनाएं एक-दूसरे के सामने डटी थीं। सैन्य अधिकारियों के स्तर पर हुई बातचीत में भारत ने साफ कर दिया था कि वह अपने जवानों को तब तक नहीं हटाएगा, जब तक चीनी सेना इलाके में पूर्व की स्थिति को बहाल नहीं कर देती।