कहर बरपा रही बारिश

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पिथौरागढ़ जनपद में चार दिनों से थमी वर्षा ने सोमवार को कहर बरपाया। सवा घंटे की जोरदार बारिश में जनजीवन थम गया। मुनस्यारी के तल्ला जोहार में हरड़िया नाले से आए मलबे ने सदावाहिनी रामगंगा नदी का प्रवाह थाम दिया। नदी में विशाल झील बन गई। इससे तटवर्ती लोगों में हड़कंप मच गया, शुक्र रहा कि कुछ ही देर बाद नदी का प्रवाह खुल गया वरना बड़ी तबाही की आशंका बन गई थी।

पिथौरागढ़ जिला मुख्यालय पर आधा दर्जन से अधिक पेड़ उखड़ गए। जिनकी चपेट में आने से एक मकान, एंबुलेंस सहित पांच वाहन क्षतिग्रस्त हो गए हैं। आसमान आधे घंटे तक और बरसता तो पिथौरागढ़ नगर में ही भारी तबाही हो जाती। आधा दर्जन स्थानों वृक्ष गिरने से नगर की सड़कों पर यातायात बंद हो गया है।

पिथौरागढ़-झूलाघाट मार्ग पर पेड़ गिरने से यातायात को बंद हो गया है। भाटकोट रोड, चिमिस्यानौला, पुराना बाजार आदि क्षेत्रों में नालियों का पानी सड़कों पर आ गया। नगर की सड़कें पानी से लबालब भर गईं।  डॉट पुल के पास जलभराव हो गया। जिस कारण यहां पर वाहन फंसे रहे। अफसर कालोनी को जाने वाले भाटकोट रोड में नाला बन गया। रई में एक मकान पर पेड़ गिर गया। रई नाला ऊफान पर आने से नाला किनारे के मकानों में रहने वाले लोगों ने मकान छोड़ दिया।

नाचनी बाजार में सभी मकानों और गोदामों में मलबा घुस गया है। नाचनी से एक किमी दूर सिमगड़ा गांव में तबाही मच गई। कई मकान मलबे और पानी से भर गए। परिवारों ने घरों से बाहर दौड़ लगा दी। थल-मुनस्यारी मार्ग में जगह-जगह मलबा आ गया है। बारिश और अंधंड़ से किसी तरह की जन और पशु हानि की कोई सूचना नहीं है। भारी मलबा आने से नाचनी-बांसबगड़ और लोध मार्ग बंद हो गए हैं। मार्ग बंद होने से एक दर्जन से अधिक वाहन फंसे हैं। लोग पैदल अपने गांवों को जा रहे हैं।